समाचार मिर्ची

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट राजनीति से लेकर खेल तक, सबकुछ आपको मिलेगा तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी अब तेज़ होती जा रही है। महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान साफ दिखाई दे रही है। कांग्रेस ने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और पार्टी चाहती है कि वह इस बार कम से कम 60 सीटों पर चुनाव लड़े। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कांग्रेस को केवल 50-55 सीटें देने के मूड में है। इस खींचतान ने महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं

दिल्ली में स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक में शरीक हुए बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने भी कहा कि उम्मीदवारों के चयन के मानकों के साथ-साथ पार्टी की अपनी संभावित सीटों के विषय में चर्चा हुई।
साफ है कि कांग्रेस अपने आकलन तथा जमीनी ताकत के आधार पर चयनित सीटों का भरोसा मिलने पर ही संख्या में कटौती को लेकर तैयार होगी। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बाद बिहार में कांग्रेस का सियासी ग्राफ ऊपर गया है जिसको लेकर पार्टी के नेता-कार्यकर्ता न केवल उत्साहित हैं बल्कि राजद पर सीटों के लिए दबाव भी बना रहे।

बता दें कि, इसके मद्देनजर भाकपा माले के शीर्षस्थ नेता दीपांकर भटटाचार्य ने कांग्रेस को राजनीतिक हकीकत का समझते हुए 70 सीटों के दावे की जिद नहीं करने की नसीहत दी। कांग्रेस कार्यसमिति की पटना में विस्तारित बैठक भी पार्टी की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है। दशकों बाद कार्यसमिति की बैठक पटना में हो रही है जहां कांग्रेस का पूरा शीर्षस्थ नेतृत्व मौजूद रहेगा। जाहिर तौर पर बिहार कांग्रेस इस बड़े आयोजन के जरिए सीटों की अपनी दावदारी को और मजबूत करने का प्रयास करेगी।

कांग्रेस बनाम राजद: सीटों की जंग

बिहार की 243 विधानसभा सीटों में पिछली बार राजद ने 144 और कांग्रेस ने 70 सीटों पर दावेदारी जताई थी। इस बार राजद चाहता है कि कांग्रेस 50-55 सीटों में सीमित रहे। वहीं, कांग्रेस 60 से अधिक सीटों की मांग कर रही है।

इसके अलावा, भाकपा माले (CPI-ML) ने अपनी पिछली 19 सीटों की तुलना में इस बार 40 सीटों पर दावा ठोक दिया है। साथ ही, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाली पार्टी भी गठबंधन में हिस्सेदारी चाहती हैं। ऐसे में राजद और कांग्रेस दोनों को ही सीटों की संख्या में कटौती करनी पड़ सकती है।

पटना में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक

कांग्रेस ने दशकों बाद अपनी कार्यसमिति की विस्तारित बैठक पटना में करने का निर्णय लिया है। यह बैठक महज औपचारिक नहीं, बल्कि चुनावी रणनीति का हिस्सा भी है। इसमें कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व शामिल होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस इस बड़े आयोजन के जरिए बिहार में अपनी उपस्थिति को मजबूत दिखाना चाहती है और सीटों की दावेदारी को और ठोस करना चाहती है।

बता दें कि, महागठबंधन में सीटों का बंटवारा इस बार आसान नहीं होगा। कांग्रेस जहां 60 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, वहीं राजद इसे 50-55 पर सीमित रखना चाहता है। भाकपा माले और अन्य दलों की मांगें इस जटिलता को और बढ़ा रही हैं। हालांकि, कांग्रेस का मानना है कि राहुल गांधी की यात्राओं और कार्यसमिति की पटना बैठक से उसे जनता में नया उत्साह मिला है, जिसे वह सीटों की दावेदारी में बदलना चाहती है। आने वाले दिनों में यह तय होगा कि क्या कांग्रेस अपने ग्राफ को ऊपर ले जा पाएगी या सीटों की संख्या घटने से उसका दबदबा कमजोर पड़ेगा।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version