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बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे अपने अंतिम दौर की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के भीतर अनुशासन और बगावत को लेकर सख्ती बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए चार बागी नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। ये सभी नेता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर गए थे, जिससे पार्टी की अनुशासनात्मक सीमाओं का उल्लंघन हुआ।

जिन चार नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया गया है, उनमें बहादुरगंज से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले वरुण सिंह शामिल हैं. इसके अलावा, गोपालगंज से चुनाव लड़… बीजेपी ने इन नेताओं को निष्कासित इसलिए किया है क्योंकि ये सभी गठबंधन के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे।

बीजेपी ने चार बागी नेताओं पर गिराई गाज

सूत्रों के अनुसार, जिन चार नेताओं पर कार्रवाई की गई है, उनमें प्रमुख नाम बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे वरुण सिंह, गोपालगंज सीट से अनूप कुमार श्रीवास्तव, और दो अन्य वरिष्ठ स्थानीय नेता शामिल हैं। इन नेताओं पर आरोप है कि ये एनडीए उम्मीदवारों के खिलाफ स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे। बीजेपी नेतृत्व ने इस कदम के जरिए साफ संदेश दिया है कि पार्टी अनुशासनहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।

बता दें कि, बीजेपी द्वारा चार बागी नेताओं का निष्कासन बिहार की राजनीति में एक कड़ा और रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है।
इस कदम ने जहां पार्टी के अनुशासन की मजबूती को दर्शाया है, वहीं यह संदेश भी दिया है कि ‘संगठन सर्वोपरि है, व्यक्ति नहीं।’ आगामी चुनावी माहौल में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह कार्रवाई पार्टी के भीतर अनुशासन को बनाए रखने में सफल होती है या बागियों का प्रभाव कुछ सीटों पर चुनावी नतीजों को प्रभावित करेगा।

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