छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में किसानों ने खाद और बीज की कमी को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। रबी सीजन की बुवाई के लिए उन्नत किस्म के बीज और खरीफ फसलों के लिए खाद उपलब्ध न होने से नाराज किसानों ने गुरुवार को बैलगाड़ी लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस प्रदर्शन का नेतृत्व जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष ने किया, जिसमें सैकड़ों किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
जिला कांग्रेस ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि दो दिनों के भीतर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो कांग्रेस उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होगी. कांग्रेस के पूर्व विधायक अरुण वोरा ने कहा कि किसानों को मजबूर होकर बैलगाड़ी लेकर प्रदर्शन करना पड़ा है. कांग्रेस ने साफ किया है कि जब तक किसानों को उचित समर्थन मूल्य, खाद, बीज और यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति नहीं मिलती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।.
वही, छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में इस समय किसान बुवाई की तैयारी में जुटे हैं। लेकिन सहकारी समितियों और सरकारी वितरण केंद्रों पर खाद और बीज की भारी कमी के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समय पर खाद और उन्नत किस्म के बीज न मिलने से किसान अपनी फसलों की बुआई नहीं कर पा रहे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ रही है।
प्रशासन को सौंपा गया ज्ञापन
प्रदर्शन के बाद जिला कांग्रेस कमेटी और किसानों ने एसडीएम दुर्ग को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि अगले दो दिनों के भीतर सभी सहकारी समितियों और सरकारी वितरण केंद्रों में खाद और यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। एसडीएम ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि प्रशासन इस मामले पर गंभीरता से कार्रवाई करेगा और किसानों को जल्द ही खाद और बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
बता दें कि, कांग्रेस नेताओं और किसानों ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि दो दिनों के भीतर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे उग्र आंदोलन शुरू करेंगे। इसमें धरना-प्रदर्शन, चक्काजाम और बड़े स्तर पर किसान रैलियां आयोजित की जा सकती हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब तक किसानों को समय पर खाद, बीज और यूरिया नहीं मिलता और समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं दी जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
जानकारी दे दें कि, दुर्ग कलेक्ट्रेट में हुआ यह प्रदर्शन किसानों की बढ़ती समस्याओं और उनके आक्रोश की स्पष्ट झलक है। खाद और बीज जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी न होना राज्य की कृषि नीतियों पर सवाल उठाता है। प्रशासन ने भले ही आश्वासन दिया हो, लेकिन आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि किसानों को वास्तव में राहत मिलती है या नहीं।
