नई दिल्ली। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट पर उड़ानों में देरी और अव्यवस्था ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। देश के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट पर रनवे 10/28 के बंद होने, पूरब की हवा के साथ दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल), एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) और एयरलाइंस के बीच तालमेल की कमी ने स्थिति को काफी बदहाल बना दिया है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स के घंटों लेट होने से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एयरपोर्ट पर एजेंसियों में तालमेल की कमी और मौसम की मार से उड़ानें सात घंटे तक लेट हुई। इसे लेकर यात्रियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर गुस्सा निकाला। आईजीआई एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स के लेट होने का असर पूरे देश की उड़ानों पर पड़ रहा है।
रनवे बंद करने की योजना होने के बावजूद दूसरे रनवे पर पीक आवर की उड़ानों का शेड्यूल नहीं बदलने से उड़ानों को असमान रूप से प्रभावित किया, जिसका खामियाजा यात्रियों को लंबी कतारों, घंटों की देरी और अव्यवस्थित प्रबंधन के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
सूत्रों के अनुसार, डायल, एटीसी और एयरलाइंस ने रनवे बंद होने के बावजूद पीक आवर (सुबह 8-11 बजे और शाम 5-8 बजे) के उड़ान शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया।
40 मिनट की औसत देरी हो गई आम बात
नतीजतन, उड़ानों का दबाव इन घंटों में ही केंद्रित रहा, जिससे 40 मिनट की औसत देरी आम हो गई। कुछ उड़ानों में सात घंटे तक की देरी भी देखने को मिली। उड़ानों को गैर-पीक आवर में वितरित करने की योजना बनाई जा सकती थी, लेकिन ऐसा न होने से टेकऑफ और लैंडिंग में बाधा बढ़ी।