Dhanteras 2025: यह त्योहार सिर्फ सोना और चांदी खरीदने का नहीं है, बल्कि अपनी सेहत और जीवन में वास्तविक धन की पहचान करने का दिन भी है। भारत में दीवाली का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है और यह दिन विशेष रूप से संपन्नता, समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष 2025 में भी धनतेरस का महत्व केवल आर्थिक समृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की याद दिलाता है।
दीवाली सिर्फ एक दिन का त्योहार नहीं है बल्कि इसकी तैयारी और ये सेलीब्रेशन काफी समय पहले से शुरू हो जाता है. घरों में दीवाली की तैयारियां करने से लेकर के भाई दूज के दिन तक इसको सेलीब्रेट किया जाता है। बता दें कि दीवाली की शुरूआत होती है धनतेरस के साथ . इस दिन लोग सोने और चांदी की चीजें और बर्तन खरीदते हैं। बर्तन खरीदने, सोना खरीदना धनतेरस के दिन शुभ माना जाता है. सोना, चांदी और नए बर्तन खरीदने के लिए लोग भाग-दौड़ करते हैं, ये मानते हुए कि ऐसा करना हमारे घर में समृद्धि लेकर आएगा. लेकिन बहुत कम लोग याद रखते हैं कि धनतेरस कभी इस बारे में नहीं थी कि हम क्या खरीदते हैं, बल्कि इस बारे में थी कि हम क्या संजोते हैं।
“धन” शब्द का अर्थ केवल माता लक्ष्मी से नहीं है, ये भगवान धन्वंतरि से भी है, जो समुद्र मंथन से अमृत और आयुर्वेद से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे. यह दिन उनके अवतरण का प्रतीक है एक याद दिलाने वाला संदेश कि असली धन सबसे पहले स्वास्थ्य है.
धनतेरस के दिन लोग नए बर्तन, सोना और चांदी की वस्तुएं खरीदते हैं। यह मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है। हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि धनतेरस का असली संदेश केवल भौतिक वस्तुओं तक सीमित नहीं है। इस दिन का अर्थ भगवान धन्वंतरि से भी जुड़ा हुआ है, जो समुद्र मंथन से अमृत और आयुर्वेद का कलश लेकर प्रकट हुए थे।
आयुर्वेद और स्वास्थ्य का संदेश
धन्वंतरि द्वारा समुद्र मंथन से लाया गया आयुर्वेद हमारे जीवन का मार्गदर्शन करता है। आयुर्वेद हमें सिखाता है कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही धन हैं। धनतेरस के दिन यदि हम अपने भोजन, जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें, तो यह वर्षभर समृद्धि और खुशी लाने वाला साबित होगा।
- संतुलित आहार: ताजे फल, हरी सब्जियां, अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
- ध्यान और योग: मानसिक शांति और तनाव मुक्त जीवन के लिए ध्यान, प्राणायाम और योग का अभ्यास करें।
- सकारात्मक विचार: मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक सोच और कृतज्ञता बनाए रखें।
- हर्बल उपाय: तुलसी, हल्दी, नीम जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का प्रयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।
धनतेरस और मानसिक स्वास्थ्य
त्योहारों का समय अक्सर हमारी मानसिक स्थिति पर असर डालता है। खरीदारी, तैयारियां और उत्सव का माहौल कभी-कभी तनाव भी पैदा कर सकता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम अपने मन को शांत रखें और ध्यान, संगीत और परिवार के साथ समय बिताने के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखें।
बता दें कि, धनतेरस केवल सोना-चांदी खरीदने का त्यौहार नहीं है। यह हमें यह सिखाता है कि असली धन स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन में है। इस धनतेरस 2025 पर, अपने घर की समृद्धि के साथ-साथ अपने शरीर, मन और आत्मा की देखभाल भी करें। संतुलित आहार, योग, ध्यान और सकारात्मक सोच अपनाएं, और इस त्यौहार को केवल भौतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और स्वास्थ्यपूर्ण दृष्टि से भी मनाएं।