ढाका, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हालिया मामला मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला से सामने आया है, जहां 18 दिसंबर 2025 की रात एक 25-27 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की उग्र भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसके शव को पेड़ से लटकाकर आग के हवाले कर दिया। यह घटना कथित ईशनिंदा के आरोप पर हुई, लेकिन जांच में ऐसे किसी आरोप की पुष्टि नहीं हुई है।
जानकारी दे दें कि, पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति नियंत्रित की। शव को बरामद कर मयमनसिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मुर्दाघर में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। दीपू के भाई अपू चंद्र दास ने भालुका पुलिस स्टेशन में 140-150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।
गौरतलब हैं कि, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा लंबे समय से चिंता का विषय रही है। अंतरिम सरकार ने हिंसा रोकने के दावे किए हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं कानून-व्यवस्था की कमी को उजागर करती हैं। दीपू चंद्र दास की हत्या न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए सबक है कि अफवाहें और भीड़तंत्र कितने खतरनाक हो सकता हैं।
