गुजरात की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई में राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार शुक्रवार सुबह 11 बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में होगा। राज्यपाल आचार्य देवव्रत नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। माना जा रहा है कि इस बार मंत्रिमंडल में कुल 27 सदस्य शामिल किए जाएंगे। इनमें कई नए चेहरे होंगे, जबकि कुछ अनुभवी मंत्रियों को दोबारा मौका दिया जा सकता है।
गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में आज 27 सदस्यों के शामिल होने की संभावना है। माना जा रहा है कि इस बार के मंत्रिमंडल में सौराष्ट्र क्षेत्र को अधिक महत्व मिलने की संभावना है। ऐसा इसलिए क्योंकि आम आदमी पार्टी का सौराष्ट्र में लगातार विस्तार हो रहा है।
सौराष्ट्र क्षेत्र पर रहेगा विशेष फोकस
इस बार के मंत्रिमंडल विस्तार में सौराष्ट्र क्षेत्र को अधिक महत्व मिलने की संभावना जताई जा रही है। सौराष्ट्र वह इलाका है, जहां आम आदमी पार्टी (आप) ने पिछले चुनावों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की थी। भाजपा इस क्षेत्र में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहती है।
इसी वजह से सौराष्ट्र के प्रभावशाली नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा जोरों पर है। बताया जा रहा है कि जयेश रादडिया और जीतू वघानी जैसे वरिष्ठ नेताओं को फिर से मौका मिल सकता है।
भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में भाजपा की अगली पारी की तैयारी
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 2021 में विजय रुपाणी के स्थान पर पदभार संभाला था। तब से लेकर अब तक उन्होंने संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखा है। पार्टी नेतृत्व, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का उन पर पूरा भरोसा है।
अब यह विस्तार भाजपा के ‘Mission Gujarat 2027’ की शुरुआत माना जा रहा है। पार्टी ने तय किया है कि विकास, प्रशासनिक दक्षता और युवाओं की भागीदारी को केंद्र में रखकर अगले चुनाव की रणनीति तैयार की जाएगी।
शपथ ग्रहण समारोह आज सुबह 11 बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित किया जाएगा। समारोह में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राज्यपाल आचार्य देवव्रत, भाजपा के वरिष्ठ नेता, संगठन के पदाधिकारी और केंद्रीय पर्यवेक्षक उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम का प्रसारण राज्यभर के जिला मुख्यालयों पर भी किया जाएगा, ताकि जनता को सरकार के नए स्वरूप से सीधे जोड़ा जा सके।
गुजरात में मंत्रिमंडल विस्तार सिर्फ राजनीतिक बदलाव नहीं, बल्कि 2027 के चुनावों की दिशा तय करने वाला कदम माना जा रहा है।
रिवाबा जडेजा, जीतू वघानी, जयेश रादडिया जैसे नामों के शामिल होने से भाजपा अपनी रणनीति के तीन प्रमुख लक्ष्यों—क्षेत्रीय संतुलन, महिला सशक्तिकरण और युवा नेतृत्व—को साधने की कोशिश कर रही है।
अब देखना यह होगा कि नया मंत्रिमंडल जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है और आगामी वर्षों में गुजरात के विकास की कहानी किस तरह आगे बढ़ती है।
