हनीमून मनाने के लिए मेघालय गए इंदौर के नव विवाहित पति-पत्नी का पहले अचानक रहस्यमय तरीके से गायब हो जाना और आज करीब आठ दिन के बाद पति की लाश का मिलना। देश भर में इस घटना ने सभी को चौंका दिया है। एक तरफ जहां दोनों ही दंपति के परिजनों का रो रोकर बूरा हाल है वहीं दूसरी तरफ अब इन क्षेत्रों में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पत्नी की तलाश अब भी जारी है।
इंदौर। से हनीमून मनाने शिलांग गए रघुवंशी दंपती की तलाश के बीच नौवें दिन पति राजा का शव खाई में मिला है लेकिन पत्नी सोनम का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। यह मामला मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले का है, जहां 30 साल के राजा और उनकी पत्नी सोनम 23 मई को इंदौर से हनीमून मनाने शिलांग पहुंचे थे। उनकी मां से उसी दिन आखिरी बार बात हुई थी, जिसके बाद दोनों लापता हो गए। पुलिस और स्थानीय प्रशासन लगातार खोजबीन में जुटे हैं, लेकिन लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने रेस्क्यू ऑपरेशन को बेहद कठिन बना दिया है।लोगों को बारिश कम होने का इंतजार है ताकि उन्हें ढूंढा जा सके। परिवार के ,सब लोग ये दुआ कर रहे है कि, बारिश कम हो और कम से कम अब सोनम सुरक्षित मिल जाए।
परिवार की चिंता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। विपिन का कहना है कि पुलिस की तरफ से खोज कार्य में लापरवाही बरती जा रही है, खासकर ड्रोन जैसी तकनीक की अनुपलब्धता ने ऑपरेशन को और कठिन बना दिया है। पुलिस को इस मामले में और अधिक सक्रियता दिखानी होगी ताकि सोनम का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके।
मध्यप्रदेश के सीएम ने जताया दुख
पति राजा की लाश मिलने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। सीएम मोहन यादव ने दुख जताते हुए परिवार को संबल प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
लापता दंपती की खोज में प्रशासन की मुश्किलें
पूर्वी खासी हिल्स के एसपी (एसपी) एचपी खारकोंगर ने बताया कि खोज अभियान में दो प्रमुख टीमों के साथ लगभग पचास से अधिक लोग लगे हुए हैं। इसमें एसडीओपी, डीएसपी और एसपी रैंक के अधिकारी भी सक्रिय रूप से शामिल हैं। इसके अतिरिक्त एसडीआरएफ (स्पेशल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स), फायर सर्विसेज, ग्रामीण टीम और स्पेशल ऑपरेशन टीम की मदद ली जा रही है। इलाके में ड्रोन सर्विलांस भी किया जा रहा है ताकि अब सोनम का पता लगाया जा सके।
यहां हो रही तेज बारिश और खराब मौसम की वजह से सर्चिंग ऑपरेशन कई बार बाधित हो रहा है। एसपी खारकोंगर ने बताया कि शनिवार को बारिश के कारण खोज प्रक्रिया मुश्किल में पड़ गई थी और रविवार को भी सर्चिंग उसी स्थिति में जारी रखने की योजना है।
हम आपको बता दें कि, टीम के साथ-साथ राजा के भाई विपिन और सोनम के भाई गोविंद भी खुद ग्रामीण इलाकों और जंगलों में खोजबीन कर रहे हैं। हालांकि, इस दौरान उन्होंने गाइड और होटल कर्मचारियों के दबाव और धमकियों की शिकायत की है। स्थानीय लोगों और गाइडों से संपर्क में होने के बावजूद अभी तक किसी भी तरह की ठोस जानकारी सामने नहीं आई है।
मूसलाधार बारिश बनी सबसे बड़ी बाधा
मेघालय की राजधानी शिलांग और आसपास के इलाकों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे सड़कों पर कीचड़ और पहाड़ी क्षेत्रों में ग्लिसरिंग जैसी स्थिति बन गई है। ऐसे में सर्च ऑपरेशन में लगे कर्मियों के लिए चलना और खोज करना बेहद जोखिम भरा साबित हो रहा है।
पुलिस का कहना है कि बारिश रुकने के बाद ही वे जमीनी जांच और आसपास के गांवों में खोज बढ़ा पाएंगे। स्थानीय प्रशासन ने भी मौसम की वजह से राहत और खोज कार्यों को प्रभावित होने से बचाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं।
शिलांग पुलिस ने ड्रोन की मदद से पहाड़ी इलाके और घने जंगलों की हवाई निगरानी शुरू की है, जिससे खोज अभियान को गति देने का प्रयास हो रहा है। इसके अलावा एसडीआरएफ, फायर सर्विसेस और ग्रामीण टीमों को भी खास तौर पर तैनात किया गया है।
बता दें कि, राजा का शव मिलने के बाद सोनम की तलाश को और अधिक प्राथमिकता दी जा रही है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अलावा, इंदौर से भी परिवार के सदस्य मेघालय पहुंचकर तलाश अभियान में सहयोग कर रहे हैं।
राजा और सोनम के लापता होने का मामला न केवल परिवार के लिए दुःखद है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि अचानक इस तरह के पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा और बचाव के लिए और बेहतर इंतजाम क्यों नहीं हैं।
यह दुखद घटना एक चेतावनी है कि पर्वतीय इलाकों में पर्यटन करते समय उचित सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस को चाहिए कि वे ऐसी परिस्थितियों के लिए बेहतर आपातकालीन प्रबंधन और तकनीकी सहायता सुनिश्चित करें ताकि इस तरह के हादसों से समय पर निपटा जा सके।
राजा का शव मिलने के बाद भी सोनम की तलाश अब भी जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही वह सुरक्षित पाए जाएंगी। बारिश के
राजा का शव मिलने के बाद सोनम की तलाश को और अधिक प्राथमिकता दी जा रही है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अलावा, इंदौर से भी परिवार के सदस्य मेघालय पहुंचकर तलाश अभियान में सहयोग कर रहे हैं।
राजा और सोनम के लापता होने का मामला न केवल परिवार के लिए दुःखद है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि अचानक इस तरह के पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा और बचाव के लिए और बेहतर इंतजाम क्यों नहीं हैं।
अब सवाल ये उठता है कि इस देश में क्या कोई कहीं जा नहीं सकता है..? क्या यहां जनता आजाद होकर कहीं आ जा नहीं सकती इस घटना ने सबको चौका दिया हैं जबसे ये खबर लोगों के बीच पहुंची है तब से हर कोई हैरान है कि आखिर हुआ क्या था जो कपल पहले लापता हुआ औऱ अब राजा की लाश खाई में मिली है।
वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर लोगों का मानना है कि सरकार को इसमें प्रशासन को कुछ दखल देना चहिए।.. बता दें कि ये मामला गंभीर बनता जा रहा है अपने बेटे को खोने के बाद पूरा परिवार अब भगवान से यही प्रार्थना कर रहा है कि उनकी बहू सही सलामत मिल जाए।