समाचार मिर्ची

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लखनऊ। भारत में आम की बात बेहद खास होती है गर्मियों के मौसम में बस एक ही बात होती है कभी आम की कैरी तो फिर पके आम का इंतजार। आज हम आम की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि अब आम का सीजन बिल्कुल खत्म होने की कगार पर है अब मार्केट में एक से बढ़कर एक आम लोगों को लुभा रहे हैं। आम की खबर को बताने के पीछे खास बात ये थी कि यूपी ने आम के मामले एक भार फिर बाजी मारी है। देश में नंबर 1 उत्पादक राज्य बना है।

भारत का आम, दुनिया में नाम

भारत हर साल 2.5 करोड़ टन आम उगाकर दुनिया को ठेंगा दिखा रहा है। दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया है, जो सिर्फ 36 लाख टन के साथ हांफ रहा है। फिर आते हैं चीन (33 लाख टन), थाईलैंड, मेक्सिको और पाकिस्तान, जो भारत के आगे कहीं नहीं ठहरते। भारत का आम न सिर्फ स्वाद में, बल्कि आंकड़ों में भी सबको पछाड़ रहा है!

यूपी: आम का सुपरस्टार

उत्तर प्रदेश ने तो कमाल ही कर दिया! देश के कुल आम उत्पादन का 25% से ज्यादा हिस्सा अकेले यूपी देता है। यानी हर साल 60 लाख टन रसीले आम! चाहे दशहरी हो, लंगड़ा हो या चौंसा, यूपी के बागानों ने हर बार बाजी मारी है। बाकी राज्य भी पीछे नहीं, लेकिन यूपी का जलवा तो बस देखते बनता है!

भारत के आम सिर्फ पेट नहीं भरते, बल्कि जेब भी भरते हैं। खाड़ी देश, यूरोप और अमेरिका में हमारे आम की धूम है। अगर कोल्ड स्टोरेज और एक्सपोर्ट की रणनीति को और धार दी जाए, तो भारत का आम विदेशी बाजारों में और ज्यादा धमाल मचा सकता है।

बाकी राज्यों की स्थिति जानते हैं…

  • आंध्र प्रदेश: अल्फांसो और बंगनपल्ली के साथ दक्षिण का सुल्तान।
  • कर्नाटक: तोतापुरी और बादामी के साथ दम दिखा रहा है।
  • बिहार: लंगड़ा और मालदा का स्वाद बिखेर रहा है।
  • गुजरात और महाराष्ट्र: केसर और अल्फांसो के साथ चमक रहे हैं।

ये तो रही वो आम जो अपनी पहचान से देश में धाक जमाए हुए हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो जो देशी आम होते हैं वही मन की संतुष्टी करते हैं ये बात हर वो आदमी भी कहता है जो गांव से है और शहर में आकर बस गए हैं। भैया उन्हें अगर कहीं देशी आम की दुकान दिख जाए तो मानों न जाने क्या मिल गया होगा। खैर असली स्वाद तो देशीपन में ही है।

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