नवंबर की शुरुआत के साथ ही देशभर में कई ऐसे वित्तीय और प्रशासनिक नियम लागू हो गए हैं, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। 1 नवंबर 2025 से एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव हुआ है, बैंक नॉमिनेशन के नए नियम लागू हुए हैं, वहीं पेंशनर्स को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की आखिरी तारीख भी नजदीक आ गई है। इसके अलावा, आधार कार्ड से जुड़ी सेवाओं और जीएसटी दरों में भी अहम परिवर्तन किए गए हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये सात बड़े बदलाव क्या हैं और इनका आपके मंथली बजट पर क्या असर होगा।
बैंक नॉमिननेशन का नया नियम
1 नवंबर से बैंक ग्राहकों को एक खाते, लॉकर या सुरक्षित चीजों के लिए अधिकतम चार लोगों को नामांकित करने की अनुमति देंगे. इस नए…
सभी रिटायर्ड केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों को नवंबर के अंत तक अपना सालाना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होगा. यह उनकी बैंक ब्रांच में या जीवन प्र…
बैंक नॉमिनेशन का नया नियम लागू
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशों के अनुसार, 1 नवंबर से बैंक खातों और लॉकरों के नॉमिनेशन नियमों में बदलाव लागू हो गया है। अब ग्राहक अपने किसी बैंक खाते, लॉकर या सुरक्षित वस्तुओं के लिए अधिकतम चार नॉमिनी तय कर सकते हैं।
पहले अधिकांश बैंकों में केवल एक या दो नॉमिनी की अनुमति थी। नए नियम से ग्राहकों को अपनी संपत्ति और खातों की सुरक्षा के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे। इसके अलावा, ग्राहकों को नॉमिनी जोड़ने या बदलने की सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध होगी।
5. GST दरों में संशोधन — कुछ वस्तुएं सस्ती, कुछ महंगी
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) परिषद द्वारा अक्टूबर में लिए गए फैसलों के अनुसार, 1 नवंबर से कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर GST दरों में बदलाव लागू हो गया है।
- रेडी-टू-ईट फूड आइटम्स पर जीएसटी दर घटाई गई है।
- जबकि कुछ लग्जरी उत्पादों, कंसीयर्ज सेवाओं और ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी सेवाओं पर कर बढ़ाया गया है।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह कदम राजस्व संतुलन और उपभोक्ताओं को राहत देने दोनों के उद्देश्य से उठाया गया है।
बैंक KYC रिव्यू प्रक्रिया में बदलाव
नवंबर से बैंकों की KYC (Know Your Customer) समीक्षा प्रक्रिया भी संशोधित की गई है। अब बैंक ग्राहकों को हर 2 या 5 साल में KYC अपडेट करवाना होगा, लेकिन डिजिटल वेरिफिकेशन वाले ग्राहकों को केवल सत्यापन संदेश या ईमेल के माध्यम से पुष्टि करनी होगी।
यह नियम विशेष रूप से डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक उपयोगकर्ताओं के लिए राहत लेकर आया है, क्योंकि अब बार-बार शाखा जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कैसे प्रभावित होगा आपका बजट?
इन सभी बदलावों का असर आम नागरिक के मासिक बजट पर जरूर पड़ेगा। एक तरफ कमर्शियल एलपीजी की कीमतों में मामूली राहत मिली है, वहीं GST दरों में बदलाव से कुछ वस्तुएं सस्ती तो कुछ महंगी होंगी। बैंकिंग और आधार संबंधी सुधारों से लोगों के लिए प्रक्रियाएं आसान और पारदर्शी होंगी।
सरकार का उद्देश्य इन सुधारों के जरिए डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाना और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देना है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में अगर एलपीजी और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता रहती है, तो आम उपभोक्ता को वास्तविक राहत मिलेगी।
बता दें कि, 1 नवंबर 2025 से लागू हुए ये नए नियम देश की वित्तीय प्रणाली में बदलाव का संकेत हैं। सरकार ने जहां एक ओर डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रियाओं पर जोर दिया है, वहीं उपभोक्ताओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। आम जनता के लिए यह जरूरी है कि वे इन नियमों की जानकारी रखें और समय पर जरूरी अपडेट या डॉक्युमेंट जमा करें, ताकि किसी असुविधा या सेवा बाधा का सामना न करना पड़े।
पेंशनर्स के लिए जीवन प्रमाण पत्र की आखिरी तारीख
सभी रिटायर्ड केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए नवंबर माह अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें 30 नवंबर 2025 तक अपना वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करना अनिवार्य है।
पेंशनर्स इसे बैंक शाखा में जाकर या ‘जीवन प्रमाण’ ऐप के माध्यम से ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। जो वरिष्ठ नागरिक डिजिटल माध्यम से परिचित हैं, उनके लिए फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए घर बैठे ही प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा उपलब्ध है।
यदि निर्धारित समय सीमा में जीवन प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया, तो पेंशन भुगतान रोक दिया जा सकता है। इसलिए पेंशनर्स को यह कार्य समय रहते पूरा करना आवश्यक है।
इन बदलावों का असर आपके मंथली बजट पर
इन सभी बदलावों का संयुक्त असर सीधे आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। LPG सस्ता होने से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी, लेकिन बैंकिंग चार्जेज, GST दरों और सेवाओं की नई लागत का असर समग्र मासिक खर्च पर दिखाई देगा।
वहीं, नॉमिनेशन नियम और जीवन प्रमाण पत्र की प्रक्रिया नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।
वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार का लक्ष्य वित्तीय लेनदेन को सरल, डिजिटल और पारदर्शी बनाना है, ताकि देश के हर नागरिक तक योजनाओं और सेवाओं का लाभ आसानी से पहुंचे।
नवंबर 2025 की शुरुआत कई मायनों में महत्वपूर्ण है। नए वित्तीय नियमों ने जहां राहत के कुछ दरवाजे खोले हैं, वहीं कुछ बदलाव नागरिकों को और सतर्क रहने की जरूरत का संकेत भी देते हैं। आने वाले महीनों में इन नियमों के असर से आम लोगों के बजट, व्यापार और डिजिटल व्यवहार में उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
