बैतूल/मुलताई। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की ऐतिहासिक तहसील ‘मुलताई’ अब नए नाम ‘मूलतापी’ से जानी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को यहां आयोजित कार्यक्रम के दौरान घोषणा करते हुए कहा कि मुलताई का नाम बदलकर ‘मूलतापी’ किया जाएगा। जल्द ही इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
दरअसल मुलताई में मेडिकल कॉलेज के भूमिपूजन का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी मौजूद थे, इसी दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि लंबे समय से मुलताई विधायक चंद्रशेखर देशमुख स्थानीय लोगों की मांग पर इस बात को सरकार के संज्ञान में ला रहे थे। यह नामकरण ताप्ती नदी के उद्गम स्थल से जुड़ी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, प्रभारी मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके समेत अन्य उपस्थित रहे।
‘मुलताई’ का प्राचीन नाम ‘मूलतापी’ था
मुलताई का नाम बदलकर मूलतापी करने के पीछे धार्मिक कारण भी हैं। वहीं स्थानीय बुजुर्ग, विद्वान, जानकार बताते हैं कि प्राचीन समय में मुलताई को मूलतापी नाम से ही जाना जाता था। ताप्ती नदी को पवित्र माना जाता है और इसका उद्गम स्थल मुलताई में ही है। प्रदेश ही नहीं देश भर के श्रद्धालु यहां आस्था की डुबकी लगाने के लिए आते हैं। अब नए नाम से क्षेत्र की पहचान और भी मजबूत होगी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में जिले को नई पहचान मिलेगी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने इस घोषणा का स्वागत किया और इसे क्षेत्र के विकास के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि बैतूल जिले में आदिवासी संग्रहालय बनाएंगे। बैतूल में गुड क्लस्टर, नया औद्योगिक क्लस्टर कोसमी में बनाया जाएगा। वुडन क्लस्टर, मोही में औद्योगिक क्लस्टर बनाया जाकर रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे।
