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अयोध्या: मंगलवार को सूर्य की किरणों के बीच एक ऐतिहासिक पल ने जन्म लिया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-मंदिर के शिखर पर भगवा “धर्मध्वज” फहराया। यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि एक ऐसे प्रतीक-चिन्ह का उदय था जो वर्षों तक चली प्रतीक्षा, बलिदान और सामाजिक-सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या दौरे से जुड़ी हर अपडेट आपको सबसे पहले आजतक के लाइव ब्लॉग पर मिलेगी. अयोध्या से आने वाली सभी खबरें, मिनट-दर-मिनट जानकारी और बड़े अपडेट सबसे तेज़ इसी पेज पर दिए जाएंगे. ताज़ा जानकारी पाने के लिए इस पेज से जुड़े रहें.

समारोह एवं कार्यक्रम

मंगलवार को अयोध्या नगरी पूरी तरह-से सज-धज कर तैयार थी। मंदिर परिसर तथा आसपास के मार्गों पर फूलों-रंगों, रोशनी और कलाकृतियों से माहौल बना था। लगभग 7,000 अतिथियों को आमंत्रित किया गया था जिनमें पूर्वांचल-अवध के मध्यम व निम्न आय वर्ग तथा पिछड़ी-जातियों और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधियों को विशेष स्थान दिया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पहुँचे व वहाँ से हेलीकॉप्टर द्वारा सकेत महाविद्यालय पहुंचे, उसके बाद रोड शो के रूप में सप्तमंदिर होते हुए राम मंदिर परिसर में प्रवेश किया।

मंदिर तथा शहर में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ाई से लागू की गई थी। लगभग 7,000 सुरक्षाकर्मी, एनएसजी/एटीएस कमांडो, साइबर टीम, डिजिटल निगरानी व्यवस्था सहित बड़े पैमाने पर इंतजाम थे। आयोजन को जन-साधारण के लिए “लाइव” प्रसारित किया गया ताकि देश-विदेश में बैठे श्रद्धालु भी इस ऐतिहासिक पल को देख सकें।

बता दें कि, आज अयोध्या ने एक ऐसा पल देखा है जिसे आने वाली पीढ़ियाँ याद रखेंगी। धर्मध्वजारोहण से यह स्पष्ट हुआ है कि राम-भावना केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान से जुड़ी हुई है। जैसे-जैसे ध्वज शिखर पर ऊँचा उठा, वैसे-वैसे यह संकेत मिला कि भारत अब सिर्फ इतिहास का साका नहीं बल्कि भविष्य-निर्माता देश है।

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