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पटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने के साथ ही राज्य की राजनीति में नई चर्चा शुरू हो गई — क्या नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे, या इस बार भारतीय जनता पार्टी अपनी दावेदारी पेश करेगी क्योंकि वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है? विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे थे कि भाजपा इतनी बड़ी जीत के बाद मुख्यमंत्री पद नीतीश को नहीं सौंपेगी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान ने इन सभी अटकलों को शांत कर दिया है और साफ कर दिया है कि बिहार का अगला नेतृत्व किस हाथों में रहेगा।

उन्होंने नीतीश के मुख्यमंत्री बने रहने की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा, “मैं एनडीए के सभी नेताओं को उनके शानदार काम के लिए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके नेतृत्व के लिए बधाई देता हूं।” उन्होंने नीतीश के मुख्यमंत्री बने रहने की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा, जबकि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।बता दें कि बिहार चुनाव के रिजल्ट आने के बाद बीजेपी के 89, जदयू को 85, लोजपा(आर) को 19, हम को 5 और आरएलएम को 4 सीट मिली है।

मोदी का संदेश—सुशासन की जीत, नीतीश ही रहेंगे मुख्यमंत्री

एनडीए की भारी जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए चुनाव परिणामों को “सुशासन की जीत” बताया। अपने संदेश में उन्होंने बिहार में हुए विकास और शासन सुधारों का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने लिखा कि नीतीश कुमार अपने समर्थकों के बीच ‘सुशासन बाबू’ के नाम से जाने जाते हैं, और पिछले दो दशकों में उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था से लेकर बुनियादी ढांचे तक कई महत्वपूर्ण बदलावों को आगे बढ़ाया है।

पीएम मोदी के इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक स्पष्ट संकेत मान रहे हैं कि एनडीए में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है और नीतीश कुमार ही गठबंधन के सर्वमान्य नेता बने रहेंगे।

बता दें कि, एनडीए जल्द ही औपचारिक रूप से बैठक बुलाकर अपने नेता का चुनाव करेगा, लेकिन मोदी के बयान के बाद यह तय है कि बैठक में नीतीश कुमार के नाम पर सभी दल सहमति देंगे। इसके बाद राज्यपाल को सरकार गठन का दावा सौंपा जाएगा और फिर शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होने की संभावना है।

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