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नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र 2025 की सोमवार (21 जुलाई) को शुरूआत काफी हंगामेदार रही। हंगामे के चलते पहले सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया मगर 12 बजे भी सदने में विपक्ष का हंगामा जारी रहा जिसके चलते स्पीकर ने इसे फिर दोपहर 4 बजे तक के लिए रोक दिया। जब 4 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हो रही थी विपक्ष के सासंदों ने एक बार फिर जोरदार हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण सभापति ने सदन की कार्यवाही को अगले दिन यानी 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

आपको बता दें… बता दें कि, मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान कुल 21 बैठकें प्रस्तावित हैं। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर 14 और 15 अगस्त को संसद की कार्यवाही नहीं होगी। इस सत्र के एजेंडे में कई अहम विधेयक लाए जाने हैं और विभिन्न नीतिगत मसलों पर चर्चा होनी है।

सदन की शुरूआत के साथ ही विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखे आरोप लगाए, जिनका जवाब देते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी कई बार विपक्षी सासंदों को ये समझाने की कोशिश की.. कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है लेकिन कोई भी सुनने के लिए राजी नहीं था आखिरकार आज बिना किसी नतीजे के संसद की कार्यवाही को अगल देिन 11 बजे तक के लिए रोकना पड़ा।

वहीं, सत्र की शुरुआत में ही विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार लोकतंत्र को कमजोर कर रही है और संसद में विपक्ष की आवाज़ दबाई जा रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोज़गारी और मणिपुर समेत पूर्वोत्तर में हालात पर सरकार मौन है।

बताते चले कि, मानसून सत्र की शुरुआत से ही यह साफ हो गया कि सरकार और विपक्ष के बीच तकरार इस बार भी चरम पर रहने वाली है। जनता की निगाहें इस बात पर हैं कि क्या इस बार संसद में सार्थक बहस और ठोस नीतिगत फैसले हो पाएंगे या फिर सत्र हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में सरकार और विपक्ष कितनी परिपक्वता के साथ लोकतंत्र का सम्मान करते हैं।

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