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चंडीगढ़। भगवंत सरकार के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार कभी भी गुरुग्रंथ साहिब का अपमान नहीं करना चाहती थी। वहीं अमृतपाल सिंह ने कैबिनेट मंत्री के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने जनता के प्रेशर में फैसला लिया है।

अमृतसर के अजनाला में अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई के लिए समर्थकों ने पुलिस थाने पर हमला कर दिया था। इसके बाद पंजाब पुलिस ने लवप्रीत की रिहाई की मांग को मान लिया था। आज अजनाला कोर्ट ने भी उसकी रिहाई का आदेश जारी कर दिया। इसको लेकर जब पंजाब सरकार के मंत्री अमन अरोड़ा से पूछा गया कि सरकार ने अमृतपाल की बात क्यों मानी तो उन्होंने बताया कि वहां जो लोग आए थे वो गुरुग्रंथ साहिब को लेकर आए थे। 

भगवंत सरकार के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार कभी भी गुरुग्रंथ साहिब का अपमान नहीं करना चाहती थी। लेकिन यहां सवाल यह है कि जो लोग सिख धर्म की बात करते हैं और गुरुग्रंथ साहिब के साथ थाने आते हैं, क्या ऐसा करना सही था? गुरुग्रंथ साहिब की आड़ में अपनी गिरफ्तारी से बचने की कोशिश करना बिल्कुल भी उचित नहीं था। 

अमृतपाल सिंह ने दिया जवाब

वहीं अमृतपाल सिंह ने कैबिनेट मंत्री के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने जनता के प्रेशर में फैसला लिया है। अमृतपाल ने कहा, “हमने गुरुग्रंथ साहिब जी को यूज नहीं किया है। ये सिर्फ बहाना बना रहे हैं। इन्होंने पब्लिक प्रेशर में फैसला लिया है, गुरुग्रंथ साहिब जी को देखते हुए नहीं। ये गुरुग्रंथ साहिब जी का सम्मान नहीं करते हैं।” 

भगवंत सरकार के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार कभी भी गुरुग्रंथ साहिब का अपमान नहीं करना चाहती थी। लेकिन यहां सवाल यह है कि जो लोग सिख धर्म की बात करते हैं और गुरुग्रंथ साहिब के साथ थाने आते हैं, क्या ऐसा करना सही था? गुरुग्रंथ साहिब की आड़ में अपनी गिरफ्तारी से बचने की कोशिश करना बिल्कुल भी उचित नहीं था। 

अमृतपाल सिंह ने दिया जवाब

वहीं अमृतपाल सिंह ने कैबिनेट मंत्री के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने जनता के प्रेशर में फैसला लिया है। अमृतपाल ने कहा, “हमने गुरुग्रंथ साहिब जी को यूज नहीं किया है। ये सिर्फ बहाना बना रहे हैं। इन्होंने पब्लिक प्रेशर में फैसला लिया है, गुरुग्रंथ साहिब जी को देखते हुए नहीं। ये गुरुग्रंथ साहिब जी का सम्मान नहीं करते हैं।” 

अमृतपाल ने उठाया था खालिस्तान मुद्दा 

गुरुवार को अपने साथी लवप्रीत तूफान की रिहाई को लेकर थाने पर धावा बोलने के बाद अमृतपाल सिंह ने थाने से खुले तौर पर खालिस्तान के मुद्दे को उठाया था। उसने कहा था कि हम खालिस्तान के मामले को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं।  

अमृतपाल ने कहा कि दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी। हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान। यह पहला मौका नहीं है, जब इस तरह से खालिस्तान का मामला सामने आया हो। हाल ही में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूके में भी खालिस्तान आंदोलन देखने को मिले हैं। 

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