विपक्ष के नेता राहुल गांधी भोपाल पहुंचे जहा लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।लोगो भीड़ इस कदर था। कि धक्कामुक्की होने लगी लोगो के प्यार को देख कर राहुल का मनोवल और खुशी दोनो बढ गया कई कार्यकर्ता इतने उत्साहित हो गए कि राहुल गांधी की गाड़ी के सामने आ गएपार्टी में जोश के साथ-साथ अव्यवस्था की भी तस्वीर पेश की।
भोपाल। कांग्रेस के संगठनात्मक पुनर्गठन की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंगलवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे। यहां उन्होंने पार्टी के महत्वाकांक्षी ‘संगठन सृजन अभियान’ की औपचारिक शुरुआत की। इस दौरान उनके स्वागत में उमड़ी भीड़ और कार्यकर्ताओं की धक्कामुक्की ने पार्टी में जोश के साथ-साथ अव्यवस्था की भी तस्वीर पेश की।
बता दे कि, राहुल गांधी दोपहर में राजाभोज एयरपोर्ट पर पहुंचे, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। स्वागत के दौरान कई कार्यकर्ता इतने उत्साहित हो गए कि राहुल गांधी की गाड़ी के सामने आ गए। इस कारण सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा और मौके पर धक्का-मुक्की भी हुई, जिसमें कुछ लोग गिर गए। हालांकि, कोई गंभीर चोट की खबर नहीं है।
नेताओं की मौजूदगी ने बढ़ाया अभियान का उत्साह
एयरपोर्ट पर राहुल गांधी का स्वागत करने वालों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, विधायक आरिफ मसूद, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, कांतिलाल भूरिया और विक्रांत भूरिया सहित पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल रहे।
राहुल गांधी की मौजूदगी के साथ ही मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठकों का दौर भी शुरू हो गया। सुबह 11 बजे से शुरू हुई मैराथन बैठकें देर तक चलीं, जिनमें संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने, समर्पित कार्यकर्ताओं को नेतृत्व में आगे लाने और भीतरघातियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जैसे अहम विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठकों के दौरान यह भी देखा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र और सांसद नकुलनाथ इस अहम अवसर पर पीएसी (Political Affairs Committee) की बैठक में मौजूद नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि नकुलनाथ की गैरमौजूदगी संगठन में व्याप्त भीतरघात और असंतोष की ओर इशारा करती है।
हालांकि, कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इसे अधिक तूल न देने की सलाह देते हुए कहा कि संगठन सृजन अभियान का उद्देश्य केवल पद बांटना नहीं, बल्कि कांग्रेस को एक मजबूत, सशक्त और अनुशासित संगठन के रूप में पुनर्निर्मित करना है।
बैठकों में खास जोर इस बात पर दिया गया कि पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के लिए ऐसे युवाओं और कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाए, जिन्होंने वर्षों तक पार्टी के लिए काम किया है, लेकिन अब तक उन्हें उपेक्षित रखा गया।
राहुल गांधी ने स्पष्ट संदेश दिया कि पार्टी को परिवारवाद से ऊपर उठकर कार्यकर्ता आधारित नेतृत्व की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को मध्य प्रदेश सहित देशभर में फिर से मजबूत करना है, तो हमें बूथ स्तर तक सक्रियता और पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी की यह पहल आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र काफी महत्वपूर्ण है। संगठन को मज़बूत किए बिना चुनावी सफलता की उम्मीद करना व्यर्थ है। यही कारण है कि राहुल गांधी स्वयं मैदान में उतरकर प्रदेश कांग्रेस को दिशा देने में जुटे हैं।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस लंबे समय से अंदरूनी कलह, गुटबाज़ी और नेतृत्व के विवादों से जूझती रही है। ऐसे में यह अभियान केवल एक संगठनात्मक प्रक्रिया नहीं बल्कि राजनीतिक पुनर्जीवन का प्रयास भी है।
कांग्रेस लगातार पाटी मजबूत करने मे लगी है राहुल गांधी पाटी को नई ऐर मजबूत दिशा देने में लगे हैं। इस बार राहुल गांधी आम जनता से खूद जुड़ कर पाटी का नेतृत्व कर रहे है। आम लोगों के बीच जा कर उनकी समस्याओं को जान कर उनसे जुड़ने कि कोशिश कर रहैे हैं। यह मेहनत रंग भी लाती नजर आ रही है। ये बात तो तय है कि समय कैसा भी हो बदलता जरूर हैं आगे समय क्या रंग लेता हैं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।