भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हालिया सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर देश की राजनीति में उबाल आ गया है। इस कूटनीतिक और सैन्य मुद्दे को लेकर अब भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। दोनों ही पार्टियों ने एक-दूसरे के शीर्ष नेताओं पर तीखे शब्दों और ऐतिहासिक उपमाओं से हमला बोला है। सोशल मीडिया से लेकर संसद के गलियारों तक यह बहस गूंज रही है।वही ‘मीर जाफर’ बनाम ‘जयचंद’: ऑपरेशन सिंदूर पर भाजपा-कांग्रेस के बीच पोस्टर युद्ध से गरमाई हुई हैं सियासत
भाजपा का हमला: राहुल गांधी ‘मीर जाफर’
भाजपा की ओर से इस पोस्टर युद्ध की शुरुआत भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को की। उन्होंने दो पोस्टर जारी किए जो कि सीधे राहुल गांधी को निशाना बना रहे थे। गौरतलब है कि, पहले पोस्टर में राहुल गांधी का चेहरा पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर से मिलाया गया था। हालांकि, पोस्टर में नाम का स्पष्ट उल्लेख नहीं था, लेकिन संकेत साफ था।
वही दूसरे पोस्टर में राहुल को “आज के समय का मीर जाफर” बताया गया। मीर जाफर की उपमा भारत के इतिहास में गद्दारी के लिए दी जाती है — जिसने 1757 की प्लासी की लड़ाई में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला से विश्वासघात कर अंग्रेजों का समर्थन किया था।
पोस्टर में एक व्यंग्यात्मक चित्रण भी था, जिसमें राहुल गांधी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पीठ पर चढ़कर भारतीय सीमा की ओर झांकते हुए पूछते हैं, “हमने कितने एयरक्राफ्ट खोए?” नीचे शहबाज शरीफ जवाब देते हैं, “तेज आवाज में पूछो।”
अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी को भारतीय सेना के साहस और ऑपरेशन की सफलता की कोई चिंता नहीं है, बल्कि वह केवल यह जानने को उत्सुक हैं कि भारत को कितना नुकसान हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल हमेशा पाकिस्तान की नजर से सोचते हैं।
कांग्रेस का पलटवार: जयशंकर ‘जयचंद’
भाजपा के इस हमले का जवाब कांग्रेस ने तेजी से दिया। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर करारा प्रहार किया और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को “नए दौर का जयचंद” कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से पहले पाकिस्तान को चेतावनी दी, जिससे भारतीय वायुसेना को रणनीतिक नुकसान उठाना पड़ा।
खेड़ा ने कहा, “यह कोई भूल नहीं थी, यह एक अपराध था। अगर आपने पाकिस्तान को सूचना दी, तो इसका मतलब यह हुआ कि आपने हमारे जवानों की जान खतरे में डाली।” खेड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि जयशंकर की स्वीकारोक्ति के बावजूद सरकार ने उन्हें ज़िम्मेदार नहीं ठहराया।
जयचंद, भारतीय इतिहास का वह नाम है जो विश्वासघात का प्रतीक बन चुका है। कहा जाता है कि कन्नौज के राजा जयचंद ने मोहम्मद गौरी से मिलकर पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ साजिश रची थी। कांग्रेस ने इसी सन्दर्भ में जयशंकर की तुलना उनसे की।
राहुल गांधी के लगातार हमले
पिछले चार दिनों में राहुल गांधी दो बार एस. जयशंकर पर निशाना साध चुके हैं। 17 मई को उन्होंने एक वीडियो साझा किया, जिसमें विदेश मंत्री पर पाकिस्तान को ऑपरेशन से पहले जानकारी देने का आरोप लगाया गया था। फिर 19 मई को उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “विदेश मंत्री की चुप्पी निंदनीय है। उन्हें किसने अधिकार दिया था कि वह पाकिस्तान को जानकारी दें?”
इसके जवाब में विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि यह कोई पूर्व जानकारी नहीं थी, बल्कि पाकिस्तान को केवल चेतावनी दी गई थी, जो सैन्य नियमों के अंतर्गत आता है। DGMO राजीव घई ने भी स्पष्ट किया कि आतंकियों पर हमले से पहले पाकिस्तान को सूचित किया गया था, परंतु उन्होंने बातचीत से इनकार कर दिया।
राहुल गांधी के लगातार हमले
पवन खेड़ा ने भाजपा को “सिंदूर का सौदागर” कहते हुए एक नया शब्द गढ़ा। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका था, अपने आप में गंभीर है। अगर यह सच है, तो भारत सरकार ने अमेरिका से व्यापारिक धमकियों के सामने चुप्पी क्यों साधी?
खेड़ा ने कहा, “यह सिंदूर से सौदा मंजूर नहीं है, देश से गद्दारी मंजूर नहीं है।” उन्होंने मोरारजी देसाई और जिया-उल-हक के बीच की उस ऐतिहासिक बातचीत का भी हवाला दिया, जिसमें देसाई ने पाकिस्तान को RAW की गतिविधियों की जानकारी दी थी। कांग्रेस ने भाजपा के इतिहास को “मुखबिरी से भरा” बताते हुए हमला बोला।
कांग्रेस की CWC बैठक और उठे सवाल
14 मई को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में भी ऑपरेशन सिंदूर और उससे जुड़ी खुफिया विफलताओं पर चर्चा हुई। बैठक में पहलगाम आतंकी हमले को खुफिया एजेंसियों की चूक बताया गया। साथ ही सीजफायर के अचानक हुए फैसले और अमेरिका के हस्तक्षेप पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठे।
कांग्रेस नेताओं ने मांग की कि सरकार स्पष्ट रूप से बताएं कि ऑपरेशन से पहले पाकिस्तान को क्या जानकारी दी गई थी, और इसके परिणामस्वरूप भारत को क्या नुकसान हुआ।