समाचार मिर्ची

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भारतीय राजनीति में बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप कोई नई बात नहीं है। गुरुवार को एक बार फिर ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर “वोट चोरी” का मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें भारतीय चुनाव आयोग (ECI) से जुड़े लोगों से मदद मिल रही है और जल्द ही देश में कथित चुनावी धोखाधड़ी का खुलासा होगा। राहुल गांधी के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी।

बीजेपी सांसद ने कहा कि हर मामले में उन्हें सिर्फ फटकार ही मिली है। चाहे वो राफेल हो, चौकीदार चोर हो या आरएसएस, उन्हें अदालत से फटकार ही मिली है। इसलिए कीचड़ उछालना और भाग जाना राहुल गांधी का तरीका रहा है। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में, जिसे हाइड्रोजन बम फोड़ना था, उसे पटाखों से ही काम चलाना पड़ा।


बता दें कि राहुल गांधी ने आज दावा किया कि उनको देश में कथित चुनावी धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के लिए काम करने वाले लोगों से मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि भारत की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी। एक बार युवाओं को पता चल जाएगा कि वोट चोरी हो रही है, तो उनकी ताकत आ जाएगी।

राहुल गांधी का आरोप: “ECI के अंदर से मदद”

राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा कर हलचल मचा दी कि उन्हें चुनाव आयोग के भीतर से ही कुछ लोग मदद कर रहे हैं। राहुल के मुताबिक, ये लोग देश में लोकतांत्रिक मूल्यों के पक्षधर हैं और वे कथित चुनावी धांधली की जानकारी साझा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वह इस मुद्दे पर और बड़े खुलासे करेंगे। राहुल गांधी ने युवाओं से अपील की कि वे लोकतंत्र बचाने की इस लड़ाई में साथ दें।

कांग्रेस की रणनीति और चुनावी सियासत

राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश के कई राज्यों में चुनावी माहौल बन रहा है और अगले आम चुनाव की भी तैयारी चल रही है। कांग्रेस लंबे समय से यह आरोप लगाती रही है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष ढंग से काम नहीं कर रहा और सत्ता पक्ष के दबाव में है। राहुल गांधी ने भी इसी मुद्दे को उठाकर सरकार और चुनाव आयोग दोनों को घेरा।

वहीराजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि, राहुल गांधी का यह बयान उनकी “पॉलिटिकल नैरेटिव” बनाने की कोशिश है। उनका उद्देश्य युवाओं और विपक्षी दलों को एकजुट करना है। वहीं बीजेपी का पलटवार यह दिखाने के लिए है कि कांग्रेस अपने हार का ठीकरा चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर फोड़ रही है।

बता दें कि, राहुल गांधी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला नया नहीं है। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी बयानबाज़ी ने राजनीति को गरमा दिया है। राहुल गांधी जहां लोकतंत्र और चुनावों की पारदर्शिता का मुद्दा उठाकर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं बीजेपी इस पर पलटवार कर उन्हें “ड्रामा पॉलिटिक्स” का आरोपित बता रही है।

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