केरल की राजनीति में इन दिनों एक बयान ने बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में मुस्लिम समुदाय को लेकर एक टिप्पणी की, जिसके बाद कांग्रेस और वाम दलों ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है। उनका कहना है कि भाजपा को मुस्लिम समुदाय से वोट नहीं मिलते, इसलिए पार्टी की ओर से मुस्लिम सांसद नहीं चुने जाते। इस बयान को लेकर अब राजनीतिक माहौल गरमा गया है और इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं।
केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मुस्लिम समुदाय भाजपा को वोट नहीं देता, इसलिए पार्टी से कोई मुस्लिम सांसद नहीं चुना जाता। उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। इस बयान पर कांग्रेस और वाम दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, और इसे ध्रुवीकरण की राजनीति बताया है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार सभी नागरिकों की होती है।
कांग्रेस और वाम दलों का तीखा पलटवार
कांग्रेस और वाम दलों ने इस बयान को ध्रुवीकरण की राजनीति करार दिया और कहा कि यह न केवल असंवेदनशील है बल्कि संविधान के सिद्धांतों के भी खिलाफ है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा बार-बार अल्पसंख्यकों को लेकर विभाजनकारी बयान देती है, जिससे समाज में अनावश्यक तनाव पैदा होता है।
बयान पर बढ़ता सियासी तापमान
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह बयान ऐसे समय में आया है जब केरल की राजनीति में भाजपा अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है। राज्य में पारंपरिक रूप से कांग्रेस और वाम दलों का मजबूत प्रभाव रहा है, जबकि भाजपा का वोट प्रतिशत अपेक्षाकृत कम है।
मुस्लिम समुदाय, जो केरल की आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा है, राज्य की राजनीति में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में किसी भी बयान का व्यापक प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।
बता दें कि, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का यह बयान केरल की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर गया है। जहाँ भाजपा इसे एक “तथ्यपरक राजनीतिक बयान” मानती है, वहीं विपक्ष और सामाजिक संगठन इसे ध्रुवीकरण की कोशिश बता रहे हैं। यह विवाद भारत की राजनीति में प्रतिनिधित्व, अल्पसंख्यकों की भूमिका और चुनावी रणनीतियों पर नई चर्चाओं को जन्म दे रहा है।
आने वाले दिनों में इस पर और भी राजनीतिक बयानबाजी देखने को मिल सकती है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि यह मुद्दा जल्द थमने वाला नहीं है।
