समाचार मिर्ची

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट राजनीति से लेकर खेल तक, सबकुछ आपको मिलेगा तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

दिल्ली। दिल्ली के संसद मार्ग पर स्थित एक मस्जिद में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों की कथित बैठक को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी के बीच सियासी घमासान छिड़ गया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने मस्जिद को पार्टी कार्यालय बना दिया है। इस आरोप के जवाब में अखिलेश यादव ने भाजपा पर करारा हमला बोला और कहा कि आस्था जोड़ती है और भाजपा को यही तकलीफ है कि लोग एकजुट न हों।

बता दे कि, दिल्ली में संसद मार्ग स्थित एक मस्जिद के अंदर कथित तौर पर हुई बैठक पर अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि आस्था जोड़ती है और जो आस्था जोड़ने का काम करती है हम उसके साथ हैं। भाजपा को यही तकलीफ है कि कोई जुड़े नहीं। भाजपा लोगों में दूरियां देखना चाहती है।

वहीं, मंगलवार को दिल्ली में संसद मार्ग स्थित मस्जिद के अंदर समाजवादी पार्टी के सांसदों की कथित बैठक की खबरें सामने आते ही भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने मस्जिद के पवित्र स्थल का दुरुपयोग किया है और उसे सपा का दफ्तर बना दिया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि आस्था के स्थान पर राजनीतिक बैठक करना गलत परंपरा है और यह सपा की तुष्टिकरण की राजनीति का उदाहरण है।

वहीं, भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सिर्फ लोगों के बीच दूरियां पैदा करना चाहती है। उन्होंने कहा, “आस्था जोड़ती है। किसी भी धर्म में आस्था हो, वह जोड़ती है। भाजपा को यही तकलीफ है कि लोग एकजुट न हों। हमारी सभी धर्मों में आस्था है। भाजपा को अगर तकलीफ है तो हम क्या करें? भाजपा का हथियार ही धर्म है।”

जानकारी दे दें कि, मस्जिद में हुई बैठक ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में धर्म और आस्था के सवाल को केंद्र में ला दिया है। जहां भाजपा इसे तुष्टिकरण का उदाहरण बता रही है वहीं अखिलेश यादव इसे धर्मनिरपेक्षता और एकता का प्रतीक बता रहे हैं। आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराएगा या शांत होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल इसने उत्तर प्रदेश और दिल्ली की राजनीति में हलचल जरूर मचा दी है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version