भारत में जब-जब त्योहारों की बात होती है, करवा चौथ का नाम बड़े सम्मान और श्रद्धा से लिया जाता है। यह व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। साल 2025 में करवा चौथ 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास है क्योंकि इसे सुहागिनों का सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है।
करवा चौथ व्रत का महत्व
करवा चौथ व्रत का महत्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी बहुत गहरा है। यह व्रत पति-पत्नी के रिश्ते की मजबूती और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। इस व्रत के माध्यम से पत्नी अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है।
किंवदंती है कि प्राचीन समय में भी महिलाएं अपने पतियों के युद्ध पर जाने के समय यह व्रत करती थीं ताकि वे सुरक्षित वापस लौटें। यही कारण है कि इस व्रत को पति की आयु रक्षा से जोड़कर देखा जाता है।
हिंदू धर्म में इस त्योहार का खास महत्व है। महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु की कामना के लिए इस व्रत को करती हैं। इस बार करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जा रहा है। करवा चौथ का व्रत बेहद कठिन होता है और इसे अन्न और जल ग्रहण किए बिना ही सूर्योदय से रात में चन्द्रमा के दर्शन तक महिलाएं रखती हैं।
करवा चौथ 2025 का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को मनाया जाएगा।
- करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 5:46 बजे से 7:02 बजे तक
- चंद्रोदय (चंद्रमा उदय का समय): रात 8:13 बजे
- व्रत समाप्ति का समय: चंद्र दर्शन और पूजा के बाद
इस दौरान महिलाएं अपने घरों में करवा चौथ की थाली सजाती हैं और विधिवत पूजन करती हैं।
करवा चौथ से जुड़ी पौराणिक कथा
करवा चौथ व्रत की सबसे प्रचलित कथा सावित्री और सत्यवान से जुड़ी है। कहा जाता है कि सावित्री ने अपने पति सत्यवान की मृत्यु होने पर यमराज से प्रार्थना की थी और अपने कठिन तप से उन्हें पुनः जीवित कर लिया। इसी तरह एक अन्य कथा महाभारत काल की है, जब द्रौपदी ने भी अर्जुन की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखा था।
बता दें कि, इन कथाओं से यह स्पष्ट होता है कि यह व्रत स्त्री की आस्था, शक्ति और समर्पण का प्रतीक है। बता दें कि, करवा चौथ केवल एक धार्मिक व्रत नहीं, बल्कि परिवार की एकता, प्रेम और आपसी विश्वास का उत्सव है। यह त्योहार पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत करता है और भारतीय संस्कृति की गहराई को दर्शाता है। साल 2025 में करवा चौथ शुक्रवार, 10 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जा रहा है। महिलाएं सुबह से ही तैयारियों में जुट जाती हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन करती हैं।