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नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी चरम पर है। इस बार मुकाबला सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और संयुक्त विपक्ष (INDIA गठबंधन) के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच होने जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से आते हैं, इसलिए इसे “दक्षिण बनाम दक्षिण की लड़ाई” के रूप में देखा जा रहा है।

राधाकृष्णन ने नितिन गडकरी से की मुलाकात


जानकारी दे दें कि, राजग के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से उनके निवास पर मुलाकात की। गडकरी के कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने राधाकृष्णन का स्वागत किया और आगामी चुनाव के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। इस बैठक के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी उपस्थित थे।

वही, सीपी राधाकृष्णन भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने तमिलनाडु जैसे राज्य में भाजपा के संगठनात्मक विस्तार के लिए लंबे समय तक काम किया। गौरतलब हैं कि, वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। फिलहाल वह महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं।

भाजपा नेताओं से मुलाकात

राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से उनके आवास पर मुलाकात की। मुलाकात के बाद गडकरी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनकी जीत तय है। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी मौजूद रहे।


उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ चुका है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास आंकड़ों की ताकत है, जबकि विपक्ष वैचारिक आधार पर चुनाव लड़ रहा है। एक तरफ अनुभवी राजनेता और राज्यपाल रह चुके सीपी राधाकृष्णन हैं, तो दूसरी तरफ न्यायपालिका से निकलकर राजनीति में उतरे बी. सुदर्शन रेड्डी। यह चुनाव भले ही नतीजों के लिहाज से पूर्वानुमानित हो, लेकिन इससे भारतीय लोकतंत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों की भूमिका, दक्षिण भारत की बढ़ती राजनीतिक अहमियत और वैचारिक संघर्ष की झलक साफ दिखाई देती है।

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