वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मूल निवासी हैं। वहीं मुख्यमंत्री रहे। वह 2014 में वाराणसी संसदीय सीट से सांसद बने। प्रधानमंत्री की कुर्सी दिल्ली में संभालने के बावजूद उन्होंने काशी को नहीं छोड़ा। उनको जब भी मौका मिलता है, वह काशी पहुंच जाते हैं। वह काशी आने और काशीवासियों से संवाद करने का बहाना खोजते रहते हैं। इसी का परिणाम है कि लगभग 11 वर्ष में वह 50वीं बार आज 11 अप्रैल को काशी पहुंचे।
काशी उनकी दूसरी घर है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में 44 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने काशी वासियों को संबोधित करते हुए कहा कि काशी उनकी दूसरी घर है और वह हमेशा काशी के विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने आयुष्मान वय वंदना योजना के तहत बुजुर्गों के मुफ्त इलाज की बात कही और कहा कि काशी तमिल संगमम जैसे आयोजन से एकता का सूत्र मजबूत हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी में 44 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने काशी वासियों को संबोधित किया। हम आपको प्रधानमंत्री के संबोधन की 10 बड़ी बातें बताने जा रहे हैं।
भोजपुरी से संबोधन की शुरुआत की
पीएम ने कहा कि “काशी के हमरे परिवार के लोगन के हमार प्रणाम। आप सब लोग यहां हमें आपन आशीर्वाद देला। हम ए प्रेम क कर्जदार हईं। काशी हमार हौ, हम काशी क हईं”।
में तीसरी बार आशीर्वाद दिया
पीएम मोदी ने कहा कि जब आपने हमें तीसरी बार आशीर्वाद दिया तो सेवक के रूप में अपने कर्तव्य को निभाने का प्रयास कर रहा हूं। मेरी गारंटी थी बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा। इसका परिणाम है आयुष्मान वय वंदना योजना। यह सिर्फ इलाज के लिए नहीं, उनके सम्मान के लिए है। अब इलाज के लिए जमीन बेचने की जरूरत नहीं। इलाज के लिए कर्ज लेने की मजबूरी नहीं। दर दर भटकना नहीं। अपने इलाज के लिए पइसा क चिंता न करा। आयुष्मान कार्ड से आपके इलाज के पइसा चल जाई।
पीएम ने परियोजनाओं का उल्लेख किया
उन्होंने कहा कि अगले कुछ माह में जब सारे प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे तब रफ्तार भी बढ़ेगी और कारोबार भी बढ़ेगा। बनारस चुनिंदा शहरों में होगा जहां एेसी सुविधा होगी। बनारस में इंफ्रा स्ट्रक्चर का कोई कार्य होता है। उसका लाभ पूर्वांचल के नौजवानों को मिलता है।
कहा कि देश विकास व विरासत दोनों एक साथ लेकर चल रहा है। इसका सबसे बड़ा मॉडल काशी में बन रहा है। यहां गंगा का प्रवाह है और भारत की चेतना का भी प्रवाह है। बनारस की आत्मा इसी विविधता में बसती है। काशी के हर मोहल्ले में अलग संस्कृति व एक अलग रंग दिखता है।
5- जीआइ टैगिंग की बताई खासियत
पीएम ने किा कि काशी तमिल संगमम जैसे आयोजन से एकता का सूत्र मजबूत हो रहा है। अब तो एकता माल भी बनने जा रहा है जिसमें अलग-अलग जिलों को उत्पाद मिलेंगे। बीते दिनों में काशी ने अपना आर्थिक नक्शा भी बदला है। काशी सिर्फ संभावनाओं की नहीं संकल्प व सामर्थ की भूमि बन रही। उत्पादों को जीआइ टैग मिल रहे। यह सिर्फ टैग नहीं, यह उत्पाद की पैदाइश पुष्ट करती है। जहां जीआइ टैग होता है वहां के बाजारों में बुल्ंदियों का रास्ता खुलता है। आज यूपी पूरे देश में जीआइ टैगिंग में नंबर वन है। हमारे हुनर की तेजी से अंतरराष्ट्रीय पहचान बन रही है। अब तक वाराणसी व आसपास के जिलों में 21 से ज्यादा उत्पादों को जीआइ टैग मिला है। बनारस के तबला, शहनाई, ठंडई, लाल पेड़ा, तिरंगा बर्फी, दीवार पेंटिंग समेत अनेक जिलों के उत्पादों को टैग मिला है।
6- पीएम मोदी ने लखपति दीदी का उल्लेख किया
कहा, जहां पहले गुजारे की चिंता थी, आज कदम खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं। यह तरक्की बनारस, यूपी के साथ पूरे देश में दिख रही। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। दस साल में 75 प्रतिशत वृद्धि हुई है। यह सफलता एक दिन में नहीं मिली।
7- डेरी सेक्टर को मजबूत बनाने पर दिया जोर
पीएम ने कहा कि बीते दस साल में हम डेरी सेक्टर को मिशन मोड में आगे बढ़ा रहे हैं। पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी। लोन की सीमा बढ़ाई। सब्सिडी व्यवस्था की। खुरपका, मुंहपका आदि से पशुधन बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। दुग्ध का संगठित कलेक्शन के लिए देश के 20 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों को फिर से खड़ा किया गया है। इसमें लाखों नए सदस्य जोड़े गए हैं ताकि डेरी सेक्टर से जुड़े लोगों को एक साथ जोड़ कर आगे बढ़ाया जा सके।
8- विपक्ष पर साधा निशाना
पीएम ने कहा कि जो लोग सत्ता पाने के लिए खेल खेलते रहते हैं उनका लक्ष्य है परिवार का साथ परिवार का विकास। मेरा लक्ष्य है सबका साथ सबका विकास। इस दिशा में ही बोनस वितरित किया गया है। यह उपहार नहीं आपकी तपस्या का परिणाम है। आपके पसीने का, आपके परिश्रम का तोहफा है।