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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और चुनाव आयोग (ECI) के बीच ‘वोट चोरी’ विवाद गहराता जा रहा है। राहुल गांधी के आरोपों के बाद विपक्षी दलों ने संसद से लेकर सड़क तक जोरदार प्रदर्शन किया। सोमवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) और कथित ‘‘वोट चोरी’’ के खिलाफ कांग्रेस और INDIA गठबंधन के सांसदों ने संसद भवन परिसर से मार्च निकाला। लेकिन पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पर ही रोक दिया और हिरासत में ले लिया।

सड़क से संसद तक टकराव

संसद भवन परिसर से जब विपक्षी सांसदों ने मार्च निकालने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। हिरासत में लिए गए नेताओं में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद, जदयू, डीएमके और अन्य दलों के सांसद शामिल थे।

बताते चले कि, बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोग दल देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी संविधान विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के नेता बन गए हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘‘भाजपा की कायराना तानाशाही नहीं चलेगी. ये जनता के वोट के अधिकार को बचाने की लड़ाई है. यह लोकतंत्र को बचाने का संघर्ष है. ‘इंडिया’ गठबंधन के साथी संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली इस भाजपाई साजिश को बेनकाब करके ही रहेंगे.’’

वही, बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोग दल देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी संविधान विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के नेता बन गए हैं.

बता दें कि, चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि मतदाता सूची से जुड़ी सभी शिकायतों की जांच होगी और हर वैध मतदाता को उसका अधिकार मिलेगा। लेकिन राजनीतिक जंग अब और तेज होती दिख रही है। अगले आम चुनाव से पहले विपक्ष इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाने की रणनीति बना रहा है। वहीं भाजपा इस विवाद को “बिना सबूत का हंगामा” बताकर विपक्ष को घेरने में लगी है।

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