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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बहुप्रतीक्षित मुलाकात की तारीख तय हो गई है। दोनों नेता 31 अगस्त को चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक करेंगे। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने नए टैरिफ वॉर से वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मचा दी है। माना जा रहा है कि मोदी-शी की यह मीटिंग भारत-चीन संबंधों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार और रणनीतिक समीकरणों के लिहाज से भी बेहद अहम साबित हो सकती है।

बताते चले कि, प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल कजान में राष्ट्रपति शी के साथ अपनी बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में स्थिर और सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया, जो कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने सहित आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता से प्रेरित है।

बताते चले कि, इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के निमंत्रण के लिए राष्ट्रपति शी को धन्यवाद दिया और अपनी स्वीकृति व्यक्त की। उन्होंने एससीओ शिखर सम्मेलन की चीन की अध्यक्षता के लिए समर्थन व्यक्त किया और कहा कि वह तियानजिन में राष्ट्रपति शी से मिलने के लिए उत्सुक हैं।

वही, इस बैठक को लेकर दोनों देशों में सकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। चीन ने संकेत दिया है कि वह इस यात्रा को बहुत महत्व देता है और इसे “रिश्तों के पुनर्निर्माण” का अवसर मानता है। वहीं भारत भी इसे एक संतुलित और स्थिर संबंधों की दिशा में अहम पड़ाव के रूप में देख रहा है।

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