समाचार मिर्ची

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट राजनीति से लेकर खेल तक, सबकुछ आपको मिलेगा तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो (Peter Navarro) ने यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नवारो ने इस जंग को सीधा-सीधा ‘मोदी वॉर’ (Modi War) करार दिया और दावा किया कि भारत की नीतियां इस संघर्ष को और गहराई दे रही हैं। ब्लूमबर्ग टीवी को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर न केवल अपने आर्थिक फायदे के लिए उसे रिफाइन कर ऊंचे दाम पर बेच रहा है, बल्कि इस प्रक्रिया से रूस को यूक्रेन पर हमले के लिए संसाधन भी मिल रहे हैं।

अमेरिकी टैक्सपेयर्स पर पड़ रहा है असर

नवारो ने आगे कहा कि इस पूरी प्रक्रिया का खामियाजा अमेरिकी टैक्सपेयर्स को उठाना पड़ रहा है। उनके अनुसार, रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद यूरोप और यूक्रेन अमेरिका से मदद मांगते हैं। इसका मतलब है कि अमेरिकी जनता की कमाई का बड़ा हिस्सा अप्रत्यक्ष रूप से इस युद्ध पर खर्च हो रहा है।

‘मोदी महान नेता हैं, लेकिन तेल नीति गलत’

दिलचस्प बात यह रही कि नवारो ने एक ओर जहां भारत की आलोचना की, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत रूप से तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि मोदी एक महान नेता हैं और भारत एक लोकतांत्रिक देश है। लेकिन साथ ही उन्होंने सवाल उठाया, “जब मोदी खुद कहते हैं कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद नहीं करेगा, तो इसका सीधा मतलब है कि वे इस युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से मदद दे रहे हैं।”

बता दें कि, पीटर नवारो का यह बयान भारत-अमेरिका संबंधों पर नए सवाल खड़े करता है। एक ओर भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका और पश्चिमी देशों को लगता है कि यह कदम यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से मदद पहुंचा रहा है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version