शारदीय नवरात्रि 2025 का शुभ पर्व इस वर्ष विशेष संयोग लेकर आ रहा है। नवरात्रि, मां दुर्गा और शक्ति की आराधना का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर दशमी तक चलने वाला यह पर्व पूरे नौ दिनों तक भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और शक्ति का अनुभव कराता है। इस अवधि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।
नवरात्रि पर्व का विशेष धार्मिक महत्व माना जाता है। इसकी शुरुआत आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और समापन दशमी तिथि पर होता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की अराधना की जाती है। पहले दिन भक्त अपने घर में माता की चौकी सजाते हैं साथ ही शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करते हैं।
नवरात्रि में व्रत का महत्व
नवरात्रि में व्रत रखना आध्यात्मिक और स्वास्थ्य दोनों दृष्टि से लाभकारी माना जाता है। व्रत के दौरान सात्विक भोजन किया जाता है, जैसे – साबूदाना खिचड़ी, आलू, कुट्टू या सिंघाड़े का आटा, फल और दूध। यह शरीर को शुद्ध करने के साथ आत्मा को भी संतोष प्रदान करता है।
नवरात्रि की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- मां दुर्गा की प्रतिमा अथवा चित्र
- लाल चुनरी
- पान के पत्ते
- लौंग और इलायची
- आम की पत्तियां
- चावल
- दुर्गा सप्तशती की किताब
- लाल कलावा
- गंगाजल
- मिट्टी का बर्तन
- नारियल
- गुलाल
- कलश
- फूल, फल और मिठाई
