नई दिल्ली भारतीय राजनीति में वित्तीय वर्ष 2024-25 (1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025) के दौरान राजनीतिक दलों को प्राप्त चंदे (दान) की रिपोर्ट ने एक बार फिर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मजबूत वित्तीय स्थिति को उजागर किया है। चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी को इस अवधि में कुल 6,654.93 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जो पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) के 3,967 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 68 प्रतिशत अधिक है।
जानकारी दे दें कि, प्रमुख कॉर्पोरेट दानदाताओं में बजाज ग्रुप की तीन कंपनियों ने कुल 65 करोड़ रुपये दिए। ड्राइव इन्वेस्टमेंट्स ने 50 करोड़ रुपये का योगदान दिया। अन्य उल्लेखनीय दानदाता हैं—मालाबार गोल्ड (10 करोड़), कल्याण ज्वैलर्स (15.1 करोड़), हीरो ग्रुप (23.65 करोड़), दिलीप बिल्डकॉन ग्रुप (29 करोड़), आईटीसी लिमिटेड (35 करोड़), वेव इंडस्ट्रीज (5.25 करोड़) और निकhil कामथ द्वारा प्रवर्तित जेरोधा की निवेश कंपनी (1.5 करोड़)।
बतास दें कि, यह अंतर मुख्य रूप से इलेक्टोरल ट्रस्ट्स के माध्यम से बीजेपी की मजबूत पहुंच को दर्शाता है, जहां सत्ता में होने के कारण कॉर्पोरेट दानदाता अधिक आकर्षित हुए। विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स के बाद ट्रस्ट्स ने पारदर्शिता बढ़ाई है, लेकिन दलों के बीच वित्तीय असमानता लोकतंत्र के लिए चुनौती बनी हुई है।
