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भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज 6 दिसंबर को विशाखापत्तनम (वाइजैग) के एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में निर्णायक मुकाबले के साथ समाप्त होने जा रही है। रायपुर में टीम इंडिया को मिली अप्रत्याशित हार ने न केवल सीरीज को रोमांचक बना दिया है, बल्कि भारतीय टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं की रणनीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या भारतीय क्रिकेट टीम ने साउथ अफ्रीका सीरीज के लिए केवल 3 स्पेशल‍िस्ट पेसर्स चुनकर ब्लंडर कर दिया है? क्या अब वाइजैग (व‍िशाखापत्तनम) में भारतीय टीम …यह कुछ सवाल रायपुर में म‍िली हार के बाद टीम इंड‍िया को लेकर तैर रहे हैं. दरअसल, वनडे सीरीज के ल‍िए भारतीय टीम जो चुनी गई, उसमें हर्षित राणा, प्रसिद्…

क्या चयनकर्ताओं से गलती हुई?

वनडे सीरीज के लिए घोषित 15 सदस्यीय भारतीय स्क्वॉड को लेकर चयन के समय ही सवाल उठने लगे थे। विशेष रूप से फैंस और एक्सपर्ट ने पूछा था कि केवल तीन तेज गेंदबाजों को चुनने का तर्क क्या है?

  • भारत घरेलू पिचों पर भी अक्सर 4 पेसर्स अपने पास रखता है।
  • साउथ अफ्रीका के खिलाफ लंबे समय से यह देखा गया है कि तेज गेंदबाज ही सबसे प्रभावी रहते हैं।
  • दिसंबर का महीना, ओस की मौजूदगी और शाम की हवा — ये सभी पेसर्स के लिए मुफीद परिस्थितियाँ होती हैं।

इसके बावजूद टीम चयन में तेज गेंदबाजी का बैकअप न रखना एक उच्च जोखिम वाला फैसला साबित हो रहा है। अगर किसी मैच में पिच स्पिनरों की मदद भी करे, फिर भी पावरप्ले और डेथ ओवरों में स्पेशलिस्ट पेसर्स की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

वाइजैग में जीत के लिए क्या करना होगा?

भारत के लिए यह मुकाबला सिर्फ सीरीज जीतने का नहीं, बल्कि खुद को साबित करने का भी मौका है। रायपुर की हार ने टीम पर सवाल उठाए हैं, और अब वाइजैग में:

  • ओपनिंग को मजबूत शुरुआत देनी होगी
  • मिडिल ऑर्डर को स्थिरता दिखानी होगी
  • तेज गेंदबाजों को शुरुआती विकेट निकालने होंगे
  • डेथ ओवरों में सुधार जरूरी होगा
  • स्पिनरों को बीच के ओवरों में दबाव बनाना होगा

साउथ अफ्रीका ने पिछली जीत से आत्मविश्वास हासिल किया है और भारत के कमजोर पेस हमले पर सीधा निशाना साध सकता है।बता दें कि, सीरीज अभी भी भारत जीत सकता है, लेकिन चुनौती छोटी नहीं है। वाइजैग की पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार हो सकती है, लेकिन भारतीय टीम के पास विकल्प सीमित हैं।सेलेक्शन की यह गलती अब मैदान पर टीम को महंगी पड़ सकती है।फिर भी भारतीय टीम ने कई बार कम संसाधनों में भी जीत हासिल की है। युवा खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का बड़ा मौका मिलेगा।

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