ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जो प्रकृति की क्रूरता और साथ ही जानवरों में छिपी एकता व साहस की गहरी मिसाल पेश करती है। महाकालपाड़ा ब्लॉक के अंतर्गत खारिनासी आरक्षित वन क्षेत्र के पास महानदी की एक शाखा ‘खारिनासी गलिया नदी’ के किनारे बंदरों का एक झुंड पानी पीने उतरा था। इसी दौरान अचानक एक खारे पानी का मगरमच्छ (Saltwater Crocodile) पानी से बाहर निकला और एक बंदर पर हमला कर उसे अपने मजबूत जबड़ों में जकड़ लिया।
घटना के अनुसार, मगरमच्छ ने बंदर को पकड़कर गहरे पानी की ओर खींचना शुरू कर दिया। साथी बंदरों ने इसे देखते ही नदी पार करने का फैसला किया। दर्जनों बंदर एक सीधी रेखा में तैरते हुए मगरमच्छ के पास पहुंचे। वे इतने करीब आ गए कि मगरमच्छ को भी खतरा महसूस हुआ। बंदरों की संख्या और उनके सामूहिक प्रयास के आगे मगरमच्छ मजबूर होकर पीछे हट गया। कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि मगरमच्छ ने अंततः शिकार को छोड़ दिया और बंदर बच निकला, जबकि कुछ स्रोतों में दावा किया गया है कि लंबे संघर्ष के बाद मगरमच्छ बंदर को गहरे पानी में ले गया।
बता दें कि, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भारी बारिश, बाढ़ और आवास विस्तार के कारण मगरमच्छ अक्सर नदियों में भटकते हुए गांवों और जंगलों के किनारे पहुंच जाते हैं। बंदरों का यह साहसिक प्रयास प्रकृति में सामाजिक बंधनों की मजबूती को दर्शाता है। बंदर (खासकर भारतीय लंगूर या रीसस मैकाक) समूहों में रहते हैं और एक-दूसरे की सुरक्षा के लिए जोखिम उठाते हैं।
वही, सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देखकर लोग भावुक हो उठे हैं। कई यूजर्स ने इसे “एकता में शक्ति” का जीता-जागता उदाहरण बताया है। एक यूजर ने लिखा, “जानवर कभी-कभी इंसानों से ज्यादा वफादार होते हैं।” दूसरे ने कहा, “यह देखकर आंसू आ गए, इतना साहस!” वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि मगरमच्छ जैसे खतरनाक शिकारी से मुकाबला करना बेहद जोखिम भरा है, फिर भी बंदरों ने पीछे नहीं हटकर अपनी सामूहिक ताकत दिखाई।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रकृति में जीवित रहना कितना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन साथ ही यह भी दिखाया कि एकता और साहस से कितनी बड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। बंदरों की इस बहादुरी ने लाखों दिलों को छुआ है और इंसानों के लिए भी एकता का सबक दिया है।
