नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के बयानों ने सभी को हैरान करके रख दिया है … ये वही शशि थरूर हैं जो कल तक कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी थे अब गले की फांस बन रहे हैं। जैसे चौराहे पर खड़े होकर कोई पुराना किस्सा सुना रहे हों, थरूर ने आपातकाल को ‘लोकतंत्र का काला पन्ना’ बोलकर खलबली मचा दी है। कहते हैं, उस जमाने में इंदिरा जी के बड़े बेटे संजय गांधी ने गाँव-गाँव में गरीबों पर जबरन नसबंदी थोप दी, ना माने तो मार-पीट! ऊपर से दिल्ली की झुग्गियों को बुलडोजर से रौंद डाला, हजारों लोग बेघर हो गए, और किसी ने उनके दुख तक ना देखा!
थरूर बाबू बोले, “ये अनुशासन के नाम पर अत्याचार था, भाइयो!” पर साथ में ये भी कह गए कि आज का हिंदुस्तान उस 1975 से कहीं आगे है—अब हमारा लोकतंत्र पक्का है, आत्मविश्वास से भरा है! मगर चेतावनी भी दे गए कि लोकतंत्र को हल्के में लिया तो फिर वही काला दिन लौट आएगा! अब तुम्हीं बताओ, ये थरूर बाबू का ये ताना अपनी पार्टी को है कि देश को सबक सिखाने की कोशिश? भैया शशि थरूर की बात तो बहुत गहरी है पक्ष – विपक्ष सभी सदमे हैं कि आखिर थरूर बाबू ये क्या बोल गए।