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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। सोमवार को उन्होंने घोषणा की कि अमेरिका में दूसरे देशों से आने वाले मध्यम (Medium) और भारी (Heavy) ट्रकों पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ (आयात शुल्क) लगाया जाएगा। यह नया शुल्क 1 नवंबर 2025 से लागू होगा।

अमेरिकी ऑटोमोबाइल बाजार में ये ट्रक कुल वाहनों के सिर्फ 5% हिस्से के हैं। लेकिन एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी अमेरिका में इनकी मांग का लगभग 80% अमेरिका ही पूरा करता है।

इन ट्रकों को वजन के आधार पर बांटा जाता है। मध्यम ट्रक का वजन 14,000 से 33,000 पाउंड के बीच होता है, जबकि 33,000 पाउंड से ज्यादा वजन वाले को भारी ट्रक कहा जाता है। अमेरिका में ये मुख्य रूप से लॉजिस्टिक्स (माल ढुलाई), निर्माण कार्य और कचरा प्रबंधन के लिए इस्तेमाल होते हैं।

अमेरिकी ऑटो बाजार और ट्रक की हिस्सेदारी

अमेरिका के ऑटोमोबाइल बाजार में मध्यम और भारी ट्रक कुल वाहनों के सिर्फ 5% हिस्से पर कब्जा रखते हैं। हालांकि, इनकी मांग स्थिर और निरंतर रहती है। एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी अमेरिका में ट्रकों की मांग का लगभग 80% हिस्सा अकेले अमेरिका ही पूरा करता है।

आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह नीति लंबे समय तक लागू रही, तो अमेरिकी उपभोक्ताओं को ट्रकों और उनसे जुड़ी सेवाओं के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। वहीं, कनाडा और मेक्सिको जैसे देश अमेरिका के इस कदम का विरोध भी कर सकते हैं या अपने उद्योगों के लिए नए निर्यात बाज़ार तलाश सकते हैं।

बता दें कि, ट्रम्प का यह नया टैरिफ निर्णय निश्चित रूप से अमेरिका और उसके पड़ोसी देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में नई चुनौतियां पैदा करेगा। यह कदम अमेरिकी घरेलू उद्योग के लिए राहत की खबर हो सकता है, लेकिन उपभोक्ताओं और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर इसका असर नकारात्मक रहेगा।

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