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इजरायली नेतृत्व का दावा है कि गाजा और सीरिया में किए गए हमले देश की सुरक्षा के लिए जरूरी थे। गाजा पट्टी में इजरायल का तर्क है कि वहां सक्रिय चरमपंथी संगठन हमास लगातार रॉकेट हमले कर रहा है। वहीं सीरिया में ईरान समर्थित लड़ाकों की गतिविधियों को रोकना जरूरी है।

अमेरिका और इजरायल की दोस्ती भले ही दशकों पुरानी और मजबूत रही हो, लेकिन दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं. व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आक्रामक सैन्य रणनीतियों से बेहद असहज है.

इजरायल की सैन्य कार्रवाई से ट्रंप प्रशासन नाराज है। गाजा-सीरिया हमलों के बाद व्हाइट हाउस ने नेतन्याहू की नीति को ‘पागलपन’ करार दिया, जिससे दोस्ती में तनाव के संकेत नजर आ रहे हैं। वहीं अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि नेतन्याहू इन कार्रवाइयों के संभावित नतीजों को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पूरे क्षेत्र में अमेरिका के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं और उसके कूटनीतिक प्रयास नाकाम हो सकते हैं।

हाल के दिनों में इजरायली वायुसेना ने गाजा पट्टी और सीरिया के राष्ट्रपति भवन को निशाना बनाया. सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप की टीम को लगता है कि नेतन्याहू की ऐसी कार्रवाइयों से अमेरिका की वैश्विक शांति पहलें कमजोर हो रही हैं. एक अधिकारी ने यहां तक कह दिया कि “बीबी (नेतन्याहू) हर जगह बम गिरा रहे हैं. यह किसी पागलपन की तरह है.” बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने तुर्किए में अपने राजदूत की मदद से इजरायल और अन्य पक्षों के बीच सीजफायर का रास्ता निकाला. हालांकि इसके बावजूद इजरायली सेना की कार्रवाइयों में कमी नहीं आई।

बता दें कि, इस पूरे प्रकरण ने यह साफ कर दिया है कि अमेरिका और इजरायल के बीच भले ही रिश्ते ऐतिहासिक रूप से मजबूत हों, लेकिन दोनों देशों के नेतृत्व के बीच नीतिगत मतभेद गहराते जा सकते हैं। नेतन्याहू का ‘आक्रामक’ रवैया अमेरिका के लिए एक चुनौती बन गया है, और आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वाशिंगटन इस चुनौती से कैसे निपटता है।

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