मोहाली, पंजाब: मशहूर रैपर और सिंगर यो यो हनी सिंह को एक बड़ी कानूनी राहत मिली है। पंजाब के मोहाली स्थित राष्ट्रीय लोक अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज छह साल पुरानी FIR को रद्द कर दिया है। यह FIR साल 2018 में रिलीज़ हुए उनके लोकप्रिय गाने ‘मखना’ को लेकर दर्ज की गई थी। उस समय उन पर महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक और अश्लील टिप्पणियां करने का आरोप लगाया गया था।
रैपर हनी सिंह, जिनका असली नाम हरदेश सिंह औलख है, बीते कई सालों से विवादों में घिरे रहे हैं। कभी उनकी गानों की बोल्ड लिरिक्स को लेकर हंगामा होता रहा तो कभी पर्सनल लाइफ में भी वह सुर्खियों में रहे। हालांकि, हनी सिंह हमेशा कहते रहे हैं कि उनका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि वह सिर्फ अपने फैन्स का मनोरंजन करना चाहते हैं।
Honey Singh FIR Cancel: गाने Makhna को उस वक्त सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था और यह चार्टबस्टर साबित हुआ। लेकिन बवाल होने के बाद इसे लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए। अब जब अदालत ने उन्हें इस मामले में राहत दी है, तो फैन्स भी खुशी जाहिर कर रहे हैं।
मामला कैसे शुरू हुआ?
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब 2018 में हनी सिंह का गाना मखना रिलीज हुआ। यह गाना युवाओं के बीच तेजी से हिट हो गया और चार्टबस्टर साबित हुआ। लेकिन इसी गाने के कुछ बोलों को लेकर पंजाब महिला आयोग ने आपत्ति जताई थी। आयोग का मानना था कि गाने में इस्तेमाल की गई कुछ पंक्तियां महिलाओं का अपमान करती हैं और समाज पर गलत असर डालती हैं।
लोक अदालत का फैसला
अब छह साल बाद, मोहाली की राष्ट्रीय लोक अदालत ने इस मामले को खारिज कर दिया है। अदालत ने पुलिस द्वारा दायर क्लोज़र रिपोर्ट को मंजूरी देते हुए केस को खत्म कर दिया। अदालत का यह फैसला हनी सिंह के लिए बड़ी राहत के रूप में आया है, क्योंकि इस मामले की वजह से उनकी छवि और करियर पर लगातार सवाल उठते रहे थे।
वही,अदालत के इस फैसले के बाद हनी सिंह के फैन्स ने सोशल मीडिया पर खुशी जाहिर की। ट्विटर (X), इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर #YoYoHoneySingh और #Makhna ट्रेंड करने लगे। फैन्स का कहना है कि अब उनका पसंदीदा स्टार बिना किसी कानूनी डर के पूरी तरह से अपने म्यूजिक करियर पर फोकस कर पाएगा।
बता दें कि, यो यो हनी सिंह का यह केस इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक गाने से जुड़ा विवाद एक कलाकार के करियर पर गहरा असर डाल सकता है। छह साल तक चली इस कानूनी प्रक्रिया ने उनके ऊपर मानसिक और पेशेवर दबाव डाला। लेकिन अब जब अदालत ने FIR को रद्द कर दिया है, तो यह उनके लिए नए सिरे से शुरुआत करने का मौका है।
