Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी माहौल गर्म होता जा रहा है। नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो चुका है। 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होना है, और उससे पहले सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत प्रचार में झोंक दी है। आज जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में दिए गए “कट्टा” वाले बयान ने सियासी हलचल मचा दी, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उस पर करारा पलटवार करते हुए कहा कि यह बयान प्रधानमंत्री पद की गरिमा के खिलाफ है और उनके “लेवल” को दर्शाता है।
पीएम नरेंद्र मोदी की स्पीच पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “यह सब झूठ है। उनके पास कहने के लिए और कुछ नहीं है। मैं आज बिहार में इसका जवाब दूंगा। वह जो कह रहे हैं, वह झूठ है। कोई भी किसी दूसरे को बंदूक की नोक पर सीएम बनाने के लिए नहीं कहेगा। कांग्रेस ने ऐसा कभी नहीं किया है। मोदी जी इस देश के पीएम हैं,
मोदी के बयान से सियासत गरमाई
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में चुनावी सभा के दौरान एक तीखा हमला बोलते हुए विपक्ष पर निशाना साधा था। अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि “कुछ लोग बिहार को फिर से अपराध और कट्टा संस्कृति की ओर ले जाना चाहते हैं, लेकिन बिहार की जनता अब जाग चुकी है।” पीएम मोदी के इस बयान को विपक्षी दलों ने सीधा हमला बताया और इसे बिहार के गौरव पर सवाल उठाने जैसा कहा।
एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन: टकराव चरम पर
बिहार की सियासत में इन दिनों एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। एनडीए में भाजपा, जदयू, और कुछ छोटे सहयोगी दल हैं, जबकि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस, राजद, और वाम दल शामिल हैं।
जहां एनडीए विकास और स्थिरता के नाम पर वोट मांग रहा है, वहीं इंडिया गठबंधन बेरोजगारी, महंगाई और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को चुनावी एजेंडा बना रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रैलियों ने भी चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है। पटना, गया, और भागलपुर समेत कई जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
बिहार में माहौल चुनावी, हर पार्टी ने झोंकी ताकत
बिहार में अब हर गली, चौक और नुक्कड़ पर चुनावी रंग चढ़ चुका है। दीवारों पर पोस्टर, सड़कों पर झंडे, और मंचों पर नारे—हर ओर राजनीति की गूंज है।
एनडीए विकास योजनाओं और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को केंद्र में रखकर प्रचार कर रहा है। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन बेरोजगारी, किसानों की बदहाली और शिक्षा व्यवस्था को मुख्य मुद्दा बना रहा है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू सरकार पर विपक्ष लगातार हमले कर रही है, जबकि बीजेपी दावा कर रही है कि “नीतीश-मोदी की जोड़ी” बिहार को विकास के रास्ते पर ले जा रही है।
पहले चरण की वोटिंग से पहले बढ़ा तापमान
पहले चरण की वोटिंग से पहले चुनावी गतिविधियाँ अपने चरम पर हैं। सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है, खासकर उन जिलों में जहां पहले हिंसक घटनाएँ दर्ज होती रही हैं।
चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि इस बार निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राजनीतिक दल सोशल मीडिया का भी जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं—फेसबुक लाइव, ट्विटर स्पेस, और व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से मतदाताओं तक अपनी बात पहुँचा रहे हैं।
बता दें कि, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण अब बस कुछ ही दिनों दूर है। हर पार्टी अपने उम्मीदवारों के समर्थन में पूरा जोर लगा रही है। प्रधानमंत्री मोदी के ‘कट्टा’ वाले बयान ने जहां सियासी बहस को नई दिशा दे दी है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे “शब्दों की मर्यादा” का मुद्दा बना रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि यह बयानबाजी अंततः वोटों में कैसे बदलती है—
