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धान की खेती पर हर साल बाढ़ और मौसम की मार से लाखों किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस बार भी कई राज्यों में धान की फसल बर्बाद हुई है या बर्बाद होने की कगार पर है। ऐसे में किसानों को चाहिए कि वे धान की टेंशन छोड़कर सब्जियों की खेती की ओर रुख करें। विशेष रूप से फूलगोभी (Cauliflower) की खेती अगस्त महीने में शुरू की जाए तो यह नवंबर तक बाजार में तैयार हो जाती है और किसानों को मोटा मुनाफा देती है।

अगर बाढ़ के कारण धान की फसल बर्बाद हो रही है या बर्बाद होने की कगार पर हैं तो अब आगे बढ़ने का समय है. किसानों को धान की टेंशन छोड़ फूलगोभी और अन्य सब्जियों की खेती पर फोकस करना चाहिए।
जिन किसानों के पास बेहतर जल निकासी वाले खेत है, वह अगस्त महीने में फूलगोभी की अगेती रोपाई कर सकते हैं।फूलगोभी की फसल लगाकर किसान कम दिनों में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अगस्त महीने में लगाई हुई फूलगोभी नवंबर महीने में बाजार में बेचने के लिए तैयार हो जाएगी।किसान वैज्ञानिक विधि से फूलगोभी की खेती करें तो मुनाफे को और बढ़ाया जा सकता है।

फूलगोभी क्यों है किसानों के लिए फायदे का सौदा?

फूलगोभी एक ऐसी फसल है जिसकी बाजार में सालभर मांग बनी रहती है। नवंबर और दिसंबर के महीनों में इसकी कीमत सबसे ज्यादा रहती है क्योंकि इस समय शुरुआती सब्जियों की कमी होती है। अगर किसान अगस्त में अगेती रोपाई करते हैं तो नवंबर आते-आते उनकी फसल बाजार में सबसे पहले पहुँच जाती है और उन्हें दोगुना दाम मिलता है।

उन्नत किस्मों का चयन

फूलगोभी की पैदावार और गुणवत्ता काफी हद तक किस्म पर निर्भर करती है। किसानों को चाहिए कि वे मान्यता प्राप्त कृषि विश्वविद्यालय या प्रमाणित बीज केंद्र से ही उन्नत किस्मों का बीज खरीदें।

फसल कब तैयार होगी?

अगस्त के अंतिम सप्ताह में लगाई गई फूलगोभी की फसल नवंबर तक पूरी तरह बाजार में बेचने योग्य हो जाती है। इस समय बाजार में शुरुआती सब्जियों की भारी मांग रहती है और कीमत भी सामान्य से दोगुनी मिलती है।

धान जैसी पारंपरिक फसलों पर पूरी तरह निर्भर रहने के बजाय किसानों को फसल विविधीकरण पर ध्यान देना चाहिए। फूलगोभी की खेती किसानों के लिए न सिर्फ धान का विकल्प बन सकती है बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दे सकती है। अगस्त महीने में अगेती रोपाई कर नवंबर तक बाजार में सबसे पहले फसल उतारने वाले किसान निश्चित ही नोटों की बारिश देखेंगे।

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