मध्य प्रदेश के किसानों के लिए आज का दिन राहत और उम्मीद से भरा साबित होने जा रहा है। राज्य में अतिवृष्टि, बाढ़ और पीला मोजैक कीट के कारण व्यापक स्तर पर धान की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज श्योपुर जिले के बड़ौदा से सिंगल क्लिक के माध्यम से 3 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में कुल 238 करोड़ 78 लाख रुपये की राहत राशि सीधे ट्रांसफर करेंगे। यह राहत राशि धान की खराब हुई फसल और संबंधित कृषि नुकसान की पूर्ति के लिए प्रदान की जा रही है।
पीला मोजैक कीट से हुए नुकसान की भरपाई
अतिवृष्टि, बाढ़ और पीला मोजैक कीट से फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. इससे पीड़ित किसानों को इस साल अब तक 23.81 लाख रुपये प्रभावित किसानों को 1623.51 करोड़ रुपए राहत राशि के रूप में दिए जा चुके हैं. राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि बाद में करा गए सर्वे के बाद पीड़ित किसानों को राहत देने के इरादे से 27 नवंबर को फिर से राहत राशि का वितरण किया जाएगा.
बारिश और पीला मोजेक कीट से भारी नुकसान
प्रदेश के कई जिलों में इस वर्ष असामान्य बारिश, बाढ़ और पीला मोजैक कीट के प्रकोप ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 23 लाख से अधिक किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं। भारी बारिश के चलते खेतों में पानी भरने, धान की फसल गलने और कीटों के हमले के कारण हजारों किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है।
पीला मोजैक वायरस धान की फसल के लिए सबसे खतरनाक कीटों में से एक माना जाता है। इसके कारण पौधे पीले पड़ जाते हैं, उनकी उत्पादन क्षमता घट जाती है और अंततः पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। इस वर्ष इस कीट ने विशेष रूप से नर्मदापुरम, विदिशा, धार, हरदा और खंडवा जिलों में अधिक नुकसान पहुंचाया है।
बता दें कि, राज्य सरकार का कहना है कि वह किसानों के लिए दीर्घकालिक समाधान पर भी काम कर रही है। फसल बीमा, बेहतर कीट प्रबंधन, आधुनिक सिंचाई व्यवस्था और जैविक खेती को बढ़ावा देने जैसे कदमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कृषि विभाग को भी निर्देश दिए हैं कि किसानों के नुकसान को कम करने के लिए तकनीकी सहयोग और जागरूकता कार्यक्रमों को तेज़ किया जाए।
