नई दिल्ली।कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर भारतीय राजनीति के केंद्र में हैं, और इस बार मुद्दा है ‘ऑपरेशन सिंदूर’ — जिस पर उनकी टिप्पणी को लेकर बीजेपी ने जोरदार हमला बोला है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर पाकिस्तान समर्थक भाषा बोलने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला किया।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की एक फोटो को एडिट कर आधे चेहरे में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की तस्वीर जोड़ी है। इस पोस्ट के माध्यम से उन्होंने यह संकेत देने की कोशिश की है कि राहुल गांधी और पाकिस्तान सेना का एजेंडा एक जैसा है।
राहुल गांधी की टिप्पणी पर विवाद
राहुल गांधी ने हाल ही में एक सार्वजनिक बयान में सवाल उठाया कि क्या विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी। उनका यह बयान बीजेपी को नागवार गुज़रा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी का ध्यान भारत की सैन्य उपलब्धियों की सराहना करने की बजाय बार-बार इस बात पर केंद्रित रहता है कि “हमने कितने जेट खो दिए?”।
‘निशान-ए-पाकिस्तान’ की ओर इशारा?
अपने पोस्ट में अमित मालवीय ने कटाक्ष किया कि क्या राहुल गांधी का अगला कदम पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ प्राप्त करना होगा? उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि राहुल गांधी ने एक बार भी यह नहीं पूछा कि संघर्ष में पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ।
मालवीय ने लिखा, “मजे की बात है कि राहुल गांधी ने एक बार भी यह नहीं पूछा कि संघर्ष के दौरान कितने पाकिस्तानी जेट मार गिराए गए, या भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के एयरबेस पर की गई कार्रवाई में कितनी तबाही हुई।”
ऑपरेशन सिंदूर: क्या है इसकी पृष्ठभूमि?
हाल ही में भारतीय वायुसेना द्वारा अंजाम दिया गया ऑपरेशन सिंदूर एक रणनीतिक सैन्य अभियान माना जा रहा है, जिसकी आधिकारिक जानकारी सीमित रूप से सार्वजनिक की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ऑपरेशन भारत की ओर से पाकिस्तान की सीमा के भीतर आतंकी ठिकानों के खिलाफ एक लक्ष्यबद्ध जवाबी कार्रवाई था।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर को एक सफल जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, जो भारत की बदलती सैन्य नीति और सीमाओं से बाहर जाकर कार्रवाई करने की रणनीति को दर्शाता है।
राजनीतिक मोर्चे पर गहराता टकराव
बीजेपी और कांग्रेस के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जुबानी जंग कोई नई बात नहीं है। लेकिन राहुल गांधी के ताजा बयान और उस पर अमित मालवीय की प्रतिक्रिया ने एक बार फिर से राजनीतिक हलकों में तीखी बहस छेड़ दी है।
कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का मकसद केवल सरकार से जवाबदेही मांगना है और देश की सुरक्षा को लेकर पारदर्शिता स्थापित करना है। वहीं बीजेपी का आरोप है कि राहुल गांधी हर बार ऐसे वक्तव्य देते हैं जिससे देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नुकसान पहुंचता है और पाकिस्तान जैसे देशों को भारतीय लोकतंत्र में मतभेदों को भुनाने का मौका मिलता है।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
अमित मालवीय की पोस्ट सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गई है। जहां बीजेपी समर्थकों ने पोस्ट का समर्थन करते हुए राहुल गांधी पर तीखी टिप्पणियां कीं, वहीं कांग्रेस समर्थकों ने इसे “बचकाना और अपमानजनक” करार दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की पोस्टें और बयानों का मुख्य उद्देश्य आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए जनमानस को प्रभावित करना है।
‘वन एजेंडा’ या राजनीतिक प्रोपेगेंडा?
अमित मालवीय के पोस्ट में ‘वन एजेंडा’ शब्द का इस्तेमाल इस बात की ओर संकेत करता है कि राहुल गांधी और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की वैचारिक समानता है। हालांकि, ऐसे आरोप अक्सर राजनीतिक बहस का हिस्सा होते हैं, और दोनों दल एक-दूसरे पर राष्ट्रीय हितों को नजरअंदाज करने के आरोप लगाते रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष का काम सरकार से सवाल पूछना है, लेकिन जब मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो, तो बयानबाज़ी में संतुलन जरूरी हो जाता है।