पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस और राजद के नेतृत्व वाला महागठबंधन अब एनडीए के गढ़ माने जाने वाले मिथिलांचल में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोट अधिकार यात्रा’ में मंगलवार को प्रियंका गांधी भी शामिल हो गईं। महागठबंधन की यह तिकड़ी दो दिनों तक मिथिलांचल में डेरा डालने वाली है, जहां 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने भारी सफलता पाई थी।
गौरतलब हैं कि, मिथिलांचल का इलाका कभी कांग्रेस और आरजेडी का गढ़ हुआ करता था, लेकिन जेडीयू और बीजेपी की सियासी केमिस्ट्री बनने के बाद यह एनडीए के मजबूत दुर्ग में तब्द हैं …वही, , राहुल-तेजस्वी-प्रियंका की यात्रा मधुबनी के पांच विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी. इस रूट पर दरभंगा जिले का मनिगाछी का इलाका पड़ता है,
बता दें कि, वोट अधिकार यात्रा मिथिलांचल के सुपौल, मधुबनी और दरभंगा से गुजरेगी. इन तीन जिलों की 25 विधानसभा सीटों में एनडीए ने 2020 में 22 पर जीत हासिल की थी. मधुबनी… मिथिला में खुद को मजबूत करने के लिए आरजेडी ने अति पिछड़ा झंझारपुर निवासी मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, ताकि इस वर्ग के वोट बैंक को साधा ज…
बता द दें कि, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा मंगलवार को सुपौल के हुसैन चौक से शुरू हुई। काफिला महावीर चौक, गांधी मैदान और लोहियानगर चौक से होकर गुजरा। इस दौरान भारी भीड़ उमड़ी और कांग्रेस-राजद कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह नेताओं का स्वागत किया। यात्रा का सबसे खास पहलू यह रहा कि इसमें प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं, जिससे कार्यकर्ताओं में नया जोश देखने को मिला।
जानकारी दे दें कि, महागठबंधन की यात्रा अगले चरणों में मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और सीतामढ़ी जैसे जिलों से भी होकर गुजरेगी। ये जिले भी एनडीए के लिए मजबूत माने जाते हैं। ऐसे में, अगर महागठबंधन यहां अपनी पकड़ मजबूत करने में सफल रहता है, तो यह 2025 की चुनावी तस्वीर को पूरी तरह बदल सकता है।