अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे ट्रेड तनाव के बीच एक नई शुरुआत की उम्मीद जगी है। गुरुवार को दक्षिण कोरिया के बुसान एयरपोर्ट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई 100 मिनट की मुलाकात में दोनों देशों ने नई ट्रेड डील पर सहमति बना ली है। हालांकि, आधिकारिक हस्ताक्षर अभी बाकी हैं, लेकिन इसे दोनों देशों के रिश्तों में “नई शुरुआत” के रूप में देखा जा रहा है।
ट्रम्प और जिनपिंग 6 साल बाद मिले। इससे पहले आखिरी बार 2019 में दोनों के बीच बैठक हुई थी। गुरुवार को हुई बैठक से पहले ट्रम्प ने कहा कि आज ही चीन के साथ ट्रेड डील साइन हो सकती है।
मुलाकात के दौरान ट्रम्प-जिनपिंग ने हाथ मिलाकर एक-दूसरे का अभिवादन किया। बैठक के दौरान ट्रम्प ने कहा कि उनकी मुलाकात बहुत कामयाब होगी, इसमें उन्हें कोई शक नहीं है।
फेंटेनाइल पर भी चर्चा
ट्रम्प ने अपनी बातचीत में यह भी बताया कि उन्होंने चीन पर जो 20% टैरिफ लगाया था, उसका मुख्य कारण फेंटेनाइल (एक खतरनाक नशीला पदार्थ) की समस्या थी। उन्होंने कहा कि चीन से अमेरिका में भेजे जा रहे फेंटेनाइल ने समाज को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। जिनपिंग ने इस मुद्दे पर सहयोग का भरोसा दिया और कहा कि चीन “अवैध दवाओं की आपूर्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाएगा।”
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर
ट्रेड डील की खबर के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। एशियाई शेयर बाजारों में तेजी दर्ज की गई, जबकि अमेरिकी फ्यूचर्स इंडेक्स भी 1.2% ऊपर बंद हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील वैश्विक व्यापार को स्थिर करने और मंदी की आशंकाओं को कम करने में मदद करेगी।
बता दें कि, अमेरिका और चीन के बीच बुसान एयरपोर्ट पर हुई यह मुलाकात न केवल दो महाशक्तियों के बीच आर्थिक समझौते की दिशा में अहम कदम है, बल्कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता की नई उम्मीद भी जगी है। छह साल बाद ट्रम्प और जिनपिंग की यह मुलाकात इस बात का संकेत है कि कूटनीति और बातचीत से पुराने विवाद सुलझाए जा सकते हैं। आने वाले महीनों में यदि इस डील पर औपचारिक हस्ताक्षर हो जाते हैं, तो यह दुनिया की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच नए सहयोग युग की शुरुआत होगी।
एयरपोर्ट पर हुई ऐतिहासिक मुलाकात
यह मुलाकात सामान्य सम्मेलन या औपचारिक दौरे की तरह नहीं थी। दोनों नेताओं का कार्यक्रम बेहद व्यस्त था, इसलिए बातचीत के लिए बुसान एयरपोर्ट को चुना गया। एयरपोर्ट के वीआईपी लाउंज में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में करीब 100 मिनट तक ट्रेड वार्ता चली।
पिछले एक दशक से अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर (व्यापारिक युद्ध) जारी है। ट्रम्प के राष्ट्रपति रहते ही 2018 में अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले अरबों डॉलर के सामान पर भारी टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया था। इस विवाद से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा और वैश्विक बाजारों में भी अस्थिरता देखी गई।
जानकारी दें दें कि, ट्रम्प ने अपनी बातचीत में यह भी बताया कि उन्होंने चीन पर जो 20% टैरिफ लगाया था, उसका मुख्य कारण फेंटेनाइल (एक खतरनाक नशीला पदार्थ) की समस्या थी। उन्होंने कहा कि चीन से अमेरिका में भेजे जा रहे फेंटेनाइल ने समाज को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। जिनपिंग ने इस मुद्दे पर सहयोग का भरोसा दिया और कहा कि चीन “अवैध दवाओं की आपूर्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाएगा।”
बता दें कि, अमेरिका और चीन के बीच बुसान एयरपोर्ट पर हुई यह मुलाकात न केवल दो महाशक्तियों के बीच आर्थिक समझौते की दिशा में अहम कदम है, बल्कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता की नई उम्मीद भी जगी है। छह साल बाद ट्रम्प और जिनपिंग की यह मुलाकात इस बात का संकेत है कि कूटनीति और बातचीत से पुराने विवाद सुलझाए जा सकते हैं। आने वाले महीनों में यदि इस डील पर औपचारिक हस्ताक्षर हो जाते हैं, तो यह दुनिया की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच नए सहयोग युग की शुरुआत होगी।
