समाचार मिर्ची

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट राजनीति से लेकर खेल तक, सबकुछ आपको मिलेगा तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

नई दिल्ली केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में बड़ा बदलाव करने जा रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005 को निरस्त कर उसकी जगह एक नया कानून लाने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश किया जाएगा। इस नए विधेयक का नाम विकसित भारत—गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 है, जिसे संक्षिप्त में VB-G RAM G कहा जा रहा है। यह विधेयक 15 दिसंबर 2025 को लोकसभा सांसदों के बीच सर्कुलेट किया गया और जल्द ही सदन में पेश होने की संभावना है।

नए विधेयक की मुख्य विशेषताएंVB-G RAM G विधेयक मनरेगा से कई मायनों में अलग है और इसे ग्रामीण रोजगार योजना का ‘अपग्रेड’ बताया जा रहा है:

  1. रोजगार दिनों में वृद्धि: मनरेगा में 100 दिनों की गारंटी थी (कुछ मामलों में सूखा या प्राकृतिक आपदा में अतिरिक्त 50 दिन), जबकि नए कानून में सीधे 125 दिन की गारंटी होगी।
  2. भुगतान की समयसीमा: मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक आधार पर या अधिकतम 15 दिनों में किया जाएगा। यदि समयसीमा में भुगतान नहीं होता, तो बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है।
  3. फंडिंग पैटर्न में बदलाव: मनरेगा में मजदूरी का पूरा खर्च केंद्र वहन करता था, लेकिन नए विधेयक में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ सकती है। केंद्र राज्यवार ‘नॉर्मेटिव अलोकेशन’ तय करेगा और अतिरिक्त खर्च राज्य सरकारें वहन करेंगी।
  4. कार्यों का फोकस: कार्य चार प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे – जल सुरक्षा (अमृत सरोवर जैसी योजनाएं), कोर ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर, आजीविका संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर और जलवायु अनुकूलन। सभी कार्यों को ‘विकसित भारत नेशनल रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक’ में एकीकृत किया जाएगा, जो PM गति शक्ति से जुड़ेगा।
  5. पीक एग्रीकल्चर सीजन में पॉज: चोटी की कृषि मौसम में 60 दिनों का कार्य विराम प्रस्तावित है, ताकि खेती में मजदूर उपलब्ध रहें।
  6. डिजिटल और पारदर्शी गवर्नेंस: डिजिटल प्लेटफॉर्म से मॉनिटरिंग, एसेट जियो-टैगिंग और इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट पर जोर।
  7. संस्थागत ढांचा: केंद्रीय और राज्य स्तर पर ग्रामीण रोजगार गारंटी काउंसिल तथा स्टीयरिंग कमिटी का गठन।

विधेयक में ग्राम पंचायत प्लान को विकसित ग्राम पंचायत प्लान के रूप में संस्थागत बनाया जाएगा, जो स्थानीय जरूरतों के अनुसार संतृप्ति-आधारित विकास सुनिश्चित करेगा।मनरेगा की उपलब्धियां और बदलाव की जरूरतमनरेगा, जो 2005 में लागू हुआ था (2009 में महात्मा गांधी का नाम जोड़ा गया), ग्रामीण गरीबी उन्मूलन और आजीविका सुरक्षा का प्रमुख माध्यम रहा है। पिछले 20 वर्षों में इसने महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई, इलेक्ट्रॉनिक भुगतान सुनिश्चित किया और लाखों स्थायी संपत्तियां बनाईं। ,

हालांकि, सरकार का मानना है कि ग्रामीण भारत में गरीबी दर में भारी गिरावट (2011-12 की 25.7% से 2023-24 में 4.86%), बेहतर सामाजिक सुरक्षा और डाइवर्सिफाइड वर्कफोर्स के कारण अब योजना को विकासोन्मुखी बनाना जरूरी है। नए कानून से रोजगार केवल सुरक्षा जाल नहीं, बल्कि उत्पादक संपत्ति निर्माण और जलवायु अनुकूलन का माध्यम बनेगा।विपक्ष का विरोधविधेयक पर विपक्षी दलों ने तीखा विरोध जताया है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पूछा कि महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है? उन्होंने इसे योजना का ‘क्रेडिट लेने’ की कोशिश बताया। टीएमसी, डीएमके और वाम दलों ने कहा कि यह कार्य का अधिकार कमजोर करेगा, राज्यों पर वित्तीय बोझ डालेगा और बहुआयामी गरीबी सूचकांक जैसे पैरामीटर से केरल-तमिलनाडु जैसे राज्यों को नुकसान होगा। विपक्ष का कहना है कि यह डिमांड-ड्रिवन योजना को अलोकेशन-बेस्ड बना देगा, जिसमें लाभार्थी की भूमिका कम हो जाएगी।

जानकारी दे दें कि, सदन में इस पर हंगामा होने की संभावना है।आगे की राहयदि विधेयक पारित होता है, तो यह ग्रामीण भारत के लिए ऐतिहासिक बदलाव होगा। सरकार इसे पारदर्शिता, जवाबदेही और सस्टेनेबल डेवलपमेंट का कदम बता रही है, जबकि विपक्ष इसे मनरेगा की मूल भावना का उल्लंघन मान रहा है। शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें इस पर विस्तृत चर्चा और मतदान हो सकता है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version