पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, राज्य की सियासत गरमाती जा रही है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को निर्धारित है और इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को एक वीडियो संदेश जारी कर बिहार की जनता से भावनात्मक अपील की है। इस संदेश में उन्होंने अपने 20 साल के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि “आज बिहारी कहलाना अपमान नहीं, बल्कि गर्व की बात है।”
मोकामा हत्याकांड से गरमाई राजनीति
बिहार की राजनीति में इस समय मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या का मामला गर्माया हुआ है। इस घटना को लेकर विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर निशाना साध रहा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है।
वहीं, एनडीए की ओर से जवाब दिया जा रहा है कि यह घटना चुनाव के समय राजनीतिक फायदे के लिए उछाली जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोकामा हत्याकांड ने चुनावी माहौल में नई हलचल पैदा कर दी है। आरजेडी, कांग्रेस और वाम दल जहां नीतीश सरकार पर हमलावर हैं, वहीं जेडीयू और बीजेपी इसे “साजिशन मुद्दा” बता रही हैं।
मोकामा हत्याकांड से गरमाई राजनीति
बिहार की राजनीति में इस समय मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या का मामला गर्माया हुआ है। इस घटना को लेकर विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर निशाना साध रहा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है।
वहीं, एनडीए की ओर से जवाब दिया जा रहा है कि यह घटना चुनाव के समय राजनीतिक फायदे के लिए उछाली जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोकामा हत्याकांड ने चुनावी माहौल में नई हलचल पैदा कर दी है। आरजेडी, कांग्रेस और वाम दल जहां नीतीश सरकार पर हमलावर हैं, वहीं जेडीयू और बीजेपी इसे “साजिशन मुद्दा” बता रही हैं।
चुनावी रणनीति और एनडीए का आत्मविश्वास
एनडीए इस बार “डबल इंजन सरकार” के नारे के साथ जनता के बीच जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी नेताओं ने मिलकर विकास और सुशासन को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, नीतीश का यह भावनात्मक संदेश एनडीए की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है। यह वीडियो खासकर उन मतदाताओं को टारगेट करता है जो पिछले कुछ समय से असमंजस में हैं या विपक्ष की ओर झुकाव दिखा रहे हैं।
नीतीश कुमार का यह वीडियो संदेश भावनात्मक अपील के साथ-साथ चुनावी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है। विकास, सामाजिक समरसता और स्थिर सरकार के मुद्दों पर एनडीए जनता के सामने अपनी उपलब्धियों को पेश कर रहा है।
अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता 20 साल से अधिक पुराने इस नेतृत्व पर फिर भरोसा जताती है या बदलाव की राह चुनती है।
फिलहाल इतना तय है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का मुकाबला बेहद दिलचस्प और ऐतिहासिक होने जा रहा है।