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पटना बिहार की राजनीति में एक बार फिर पुरानी लेकिन मजबूत तिकड़ी ने सत्ता की कमान संभालने का सफर तय किया है। नीतीश कुमार ने अपनी दसवीं कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद की दावेदारी मजबूत कर ली है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को पुनः उप मुख्यमंत्री (Deputy CM) के रूप में मोहर दी गई है। यह फैसला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के अंदर गठबंधन समीकरण और पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA को शानदार जीत मिली है. नीतीश कुमार अपने दसवीं कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. जदयू (JDU) ने अपने विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को फिर से विधायकों का नेता चुन लिया है, जिससे यह लगभग पक्का हो गया है कि वह एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

2. दोबारा उप-मुख्यमंत्री का चेहरा — सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा

एनडीए की सरकार में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा दोनों को उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी फिर से दी गयी है। यह वही तिकड़ी है, जिसने पिछले कार्यकाल में भी राज्य की नई राजनीति की दिशा को संकेत दिया था और अब इस फॉर्मूले को दोबारा चुनना गठबंधन रणनीति की निरंतरता को दर्शाता है।

सम्राट चौधरी, BJP के युवा चेहरों में से एक, OBC-कुर्मी समीकरण को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। वहीं विजय कुमार सिन्हा भूमिहार समाज के प्रतिनिधि के रूप में बीजेपी की रणनीति में संतुलन बनाते हैं। उनकी राजनीतिक पकड़ और विधानसभा में अनुभव दोनों ही उन्हें उप-मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त बनाते हैं।

बता दें कि, बिहार में NDA की यह जीत सिर्फ चुनावी सफलता नहीं है, बल्कि राजनीतिक परिदृश्य में परिपक्वता का परिचायक है। नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की तिकड़ी राज्य की सत्ता में लौटती दिख रही है, और यह स्पष्ट संकेत है कि गठबंधन विकास-पर आधारित एजेंडा पर जोर देना चाहता है, न कि केवल जातिगत समीकरणों पर निर्भर करना।इस नतीजे के साथ यह सवाल भी खड़ा हो जाता है कि नई सरकार जनता की उम्मीदों पर कितनी खरा उतरेगी: क्या यह तिकड़ी पिछली सफलताओं को दोहरा पाएगी, और क्या विकास का वादा हकीकत में बदलेगा? आने वाले महीनों में यह पारंगत राजनीतिक परीक्षण होगा।

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